Extra Marital Affair: भारत में परेशानी बढ़ाता जा रहा है एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर, जानिए क्या कहता है कानून
Extra Marital Affair: बाहरी वैवाहिक संबंध विवाहित व्यक्ति के विवाह के बाहर किसी और के साथ संबंध होने को कहा जाता है. यह सामाजिक और नैतिकता के दृष्टिकोण से अवैध माना जाता है और परिवारिक संबंधों को अस्थिर कर सकता है.
नई दिल्ली:
Extra Marital Affair: बाहरी वैवाहिक संबंध या अत्याधिकारिक संबंध, वह संबंध है जो किसी व्यक्ति के विवाहित होने के बावजूद उसके विवाहित संबंध के बाहर किसी और व्यक्ति के साथ बनाया जाता है. यह सामाजिक अनैतिकता के तौर पर देखा जाता है और सामाजिक मान्यताओं और नियमों का उल्लंघन होता है. बाहरी वैवाहिक संबंध में अक्सर विश्वासघात, आत्मविश्वास की कमी, और परिवारिक संबंधों में अस्थिरता जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. यह संबंध साथ ही दो व्यक्तियों और उनके परिवार के बीच भ्रष्टाचार और अस्तित्व को भी क्षति पहुंचा सकता है. इस प्रकार के संबंध से संज्ञानात्मक, भावनात्मक, और सामाजिक दुख होता है, जो सभी लोगों को प्रभावित कर सकता है. इसके अतिरिक्त, इससे कानूनी, सामाजिक, और मानसिक समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं, जो अक्सर लोगों की ज़िन्दगी को प्रभावित करती हैं.
भारत में बाहरी वैवाहिक संबंधों की वैधता एक जटिल मुद्दा है और यह कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे कि:
धर्म: हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के तहत, व्यभिचार को तलाक का आधार माना जाता है. अन्य धर्मों, जैसे कि मुस्लिम और ईसाई, में भी व्यभिचार के संबंध में अलग-अलग कानून हैं.
विवाह का प्रकार: यदि विवाह पंजीकृत है, तो व्यभिचार को तलाक का आधार माना जा सकता है. यदि विवाह पंजीकृत नहीं है, तो व्यभिचार को कानूनी आधार नहीं माना जाएगा.
साक्ष्य: व्यभिचार को साबित करना मुश्किल हो सकता है. यदि कोई व्यक्ति व्यभिचार का आरोप लगाता है, तो उसे पर्याप्त सबूत पेश करने होंगे.
भारतीय दंड संहिता (IPC) में व्यभिचार को अपराध नहीं माना जाता है. 2018 में, सुप्रीम कोर्ट ने IPC की धारा 497 को रद्द कर दिया, जो व्यभिचार को अपराध मानता था.
हालांकि, व्यभिचार के कई नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं, जैसे:
तलाक: व्यभिचार तलाक का आधार हो सकता है.
मानसिक क्षति: व्यभिचार से पति या पत्नी को मानसिक क्षति हो सकती है.
सामाजिक कलंक: व्यभिचार से सामाजिक कलंक भी हो सकता है.
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि व्यभिचार एक व्यक्तिगत मामला है और इसमें किसी बाहरी व्यक्ति को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. यदि आप किसी बाहरी वैवाहिक संबंध में हैं, तो आपको इसके संभावित परिणामों के बारे में सावधानी से विचार करना चाहिए.
यहां कुछ सलाह दी गई हैं:
अपने पति या पत्नी से बात करें: यदि आप किसी बाहरी वैवाहिक संबंध में हैं, तो अपने पति या पत्नी से बात करना महत्वपूर्ण है.
विवाह परामर्श लें: यदि आप अपने विवाह में समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो विवाह परामर्श लेना मददगार हो सकता है.
कानूनी सलाह लें: यदि आप व्यभिचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं, तो कानूनी सलाह लेना महत्वपूर्ण है.
यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भारत में समलैंगिकता को अपराध नहीं माना जाता है. 2018 में, सुप्रीम कोर्ट ने IPC की धारा 377 को रद्द कर दिया, जो समलैंगिकता को अपराध मानता था.
यह भी पढ़ें: Relationship Tips: शादी से पहले ध्यान रखें ये बातें, पार्टनर के साथ रिश्ता बनेगा और भी मजबूत
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Ghar Wapsi: मुस्लिम से हिंदू बनना चाहते हैं तो जान लें क्या हैं धर्म परिवर्तन के नियम
-
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर नहीं ला पा रहे सोना-चांदी तो लाएं ये चीजें, बेहद खुश होंगी मां लक्ष्मी
-
Astro Tips: क्या पुराने कपड़ों का पौछा बनाकर लगाने से दुर्भाग्य आता है?
-
May 2024 Grah Gochar: मई में होंगे ये 4 बड़े ग्रह गोचर, नौकरी और शादी के लिए बनेंगे शुभ योग