क्या है नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी जिसके नाम बदलने पर शुरू हुई सियासत
संग्रालय सोमवार से शुक्रवार- सुबह 9 से 8 बजे तक खुला रहता है. वहीं, शनिवार- सुबह 9 से शाम 5.30 बजे तक चलता है. रविवार और सरकारी अवकाश के दिन यह बंद रहता है.
नई दिल्ली:
देश की राजधानी दिल्ली में स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी अब प्राइम मिनिस्टर (PM) एंड लाइब्रेरी के नाम से जाना जाएगा. भाजपा नेतृ्त्व केंद्र सरकार ने नेहरू मेमोरियल का नाम बदल दिया है. नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी एक वैश्विक ऐतिहासिक स्थल और किताबों एबं अभिलेखों का भंडार है. अब इसे प्रधानमंत्री म्यूजियम और सोसाइटी के नाम से जाना जाएगा. इस संग्राहलय में भारतीय इतिहास और विरासत की चीजें संजोकर रखी गई हैं. नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय की स्थापना 1964 में जवाहरलाल नेहरू की याद में एक स्वायत्त संस्था के रूप में हुई थी. यह संस्था भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत आती है. भारत के पहले प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास, आलीशान तीन मूर्ति भवन में स्थित है. इसे चार भागों में बंटा गया है. एक स्मारक संग्रहालय, समकालीन अध्ययनों से संबंधित एक केंद्र, आधुनिक भारतीय पुस्तकालय और नेहरू तारामंडल शामिल है.
संग्राहलय में है एक स्पेशल लाइब्रेरी
नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय में एक स्पेशल लाइब्रेरी भी तैयार की गई है, जिसे औपनिवेशिक और उत्तर-औपनिवेशिक भारत पर एक विशिष्ट अनुसंधान और संदर्भ-केंद्र के रूप में निर्मित और विकसित किया गया है, जिसमें माइक्रोफिल्म और माइक्रोफिश के माध्यम से अनेक पुस्तकों, पत्रिकाओं, तस्वीरों और अन्य संसाधन के बहुत समृद्ध और विविध संग्रहों को संरक्षित किया गया है. इस संस्था में एक समृद्ध पांडुलिपि अनुभाग भी है, जिसमें राजनीतिक और गैर राजनीतिक आधिकारिक संगठनों और समाजों के ऐसे प्रतिष्ठित व्यक्तियों और अभिलेखों के निजी पत्रों को संजोकर रखा गया है, जिन्होंने आधुनिक भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
यह भी पढ़ें: Cyclone Biparjoy Video: बिपरजॉय ने बरपाया कहर, देखें तबाही के बाद के 5 होश उड़ाने वाले वीडियो
नाम बदलने पर सियासत भी शुरू
हालांकि, इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है. नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सीधे-सीधे पीएम पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि संकीर्णता और प्रतिशोध का नाम नरेंद्र मोदी है. कांग्रेस ने कहा कि 59 वर्षों से पीएम भारतीय राष्ट्र-राज्य के शिल्पकार के नाम और विरासत को खत्म करना चाह रहे हैं. वो इसे नष्ट करने के कुछ भी कर सकते हैं.
2016 में नाम बदलने को मिली थी मंजूरी
बता दें कि नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी की विशेष बैठक में इसका नाम बदलने का फैसला किया गया है. बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की. गौरतलब है कि नेहरू मेमोरियल म्यूजियम की कार्यकारी परिषद की ओर से 25 नवंबर 2016 को इसके नाम बदलने की मंजूरी दी थी. 21 अप्रैल 2022 को प्रधानमंत्री म्यूजियम जनता के लिए खोल दिया गया.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
Premanand Ji Maharaj : प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Aaj Ka Panchang 29 April 2024: क्या है 29 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Arthik Weekly Rashifal: इस हफ्ते इन राशियों पर मां लक्ष्मी रहेंगी मेहरबान, खूब कमाएंगे पैसा