CDS रावत हेलीकॉप्टर हादसा: वीडियो और रिकॉर्ड करने वाला जांच के दायरे में
वेडिंग फोटोग्राफर के मोबाइल फोन से कथित तौर पर 8 दिसंबर को दुर्घटनाग्रस्त हुए एमआई हेलीकॉप्टर का वीडियो रिकॉर्ड किया गया था. इसकी पुष्टि के लिए मोबाइल को फोरेंसिक जांच के लिए ले लिया गया है.
highlights
- जो नाम के वेडिंग फोटोग्राफर ने रिकॉर्ड किया था वीडियो
- पुलिस की मानें तो नीलगिरी का वह इलाका है निषिद्ध
- ऐसे में फोटोग्राफर और उसके दोस्त वहां कर क्या रहे थे
नई दिल्ली:
तमिलनाडु के कुन्नूर में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के 8 दिसंबर को हुए हेलीकॉप्टर क्रैश की जांच में एक नया मोड़ आ गया है. हादसे से चंद सेकंड पहले धुंध के आगोश में खोते हेलीकॉप्टर का वीडियो अब फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. स्थानीय सूत्रों के मुताबिक यह वीडियो रिकॉर्ड करने वाले शख्स का नाम जो है, जो कि एक वेडिंग फोटोग्राफर है. एक बड़ा प्रश्न जांच में यह भी उठ रहा है कि आखिर जो नाम का यह शख्स घने जंगल में करने क्या गया था. बताते हैं कि घने जंगल और उसमें जंगली जानवरों की गतिविधियों के कारण उस इलाके को निषिद्ध घोषित कर रखा है. ऐसे में वेडिंग फोटोग्राफर और उसके दोस्त वहां क्या करने गए थे, इस सवाल का जवाब भी अब तलाशा जाएगा.
वीडियो में धुंध में गुम होता दिख रहा हेलीकॉप्टर
अपर कुन्नूर पुलिस इंस्पेक्टर पृथ्वीराज के मुताबिक प्रत्यक्षदर्शी वेडिंग फोटोग्राफर के मोबाइल फोन से कथित तौर पर 8 दिसंबर को दुर्घटनाग्रस्त हुए एमआई हेलीकॉप्टर का वीडियो रिकॉर्ड किया गया था. इसकी पुष्टि के लिए मोबाइल को फोरेंसिक जांच के लिए ले लिया गया है. बताते हैं कि इस वीडियो को रिकॉर्ड करने वाला जो नीलगिरी जिले के कट्टेरी इलाके में दोस्तों के साथ घूमने गया था. जब हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ, तब वह वहीं मौजूद था. मोबाइल से रिकॉर्ड किए गए इस वीडियो में भारी धुंध दिख रही है. इसमें में उड़ने वाले हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले और फिर बाद में तेज़ शोर सुनाई पड़ रहा है. वीडियो में एक व्यक्ति यह पूछते हुए भी सुना जा सकता है कि क्या यह हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है!
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सबसे सुरक्षित हेलीकॉप्टर के क्रैश होने पर उठ रहे सवाल
गौरतलब है कि हेलीकॉप्टर दुर्घटना के कई वीडियो सामने आए, लेकिन उनमें से अधिकांश चॉपर क्रैश होने के बाद के थे. सिर्फ इसी वीडियो में हेलीकॉप्टर को उड़ते हुए और फिर चंद पलों के बाद धुंध में गुम होते देखा गया. इसके बाद ही हेलीकॉप्टर क्रैश होने की बात कही जा रही है. सामरिक जानकारों के मुताबिक हादसे का शिकार हुआ एमआई-17 वी-5 हेलीकॉप्टर बहुत सुरक्षित माना जाता है. इसलिए पीएम समेत अन्य वीवीआईपी इसका ही इस्तेमाल करते हैं. इसमें डबल इंजन होता है. ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि इतने सुरक्षित हेलीकॉप्टर के साथ हादसा कैसे पेश आ सकता है?
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जांच से ही पता चलेगा हादसे का सही कारण
जानकारों के मुताबिक कुन्नूर में हुए इस हादसे की वजह कोहरा और सही दृश्यता नहीं होना हो सकती है. जानकारों का यह भी कहना है कि इसमें तकनीकी गड़बड़ी का आशंका बहुत कम है. ऐसे तमाम सवालों के बीच दुर्घटना के जांच के असली कारणों का पता भारतीय वायुसेना की तरफ से की जा रही कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के बाद ही चलेगी. हेलीकॉप्टर के मलबे की आगे की फोरेंसिक जांच से यह भी पता चल सकता है कि क्या दुर्घटना के बाहरी कारण थे. इसके अलावा ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ठीक होने के बाद तमिलनाडु में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में डायरेक्टिंग स्टाफ भी उड़ान के बारे में सीधे जानकारी दे सकते हैं.
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