अब नाइट शिफ्ट में भी काम कर सकेंगी महिलाएं, श्रम मंत्री ने बताई ये वजह
केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने कहा है कि भारत श्रमशक्ति भागीदारी में लैंगिक अंतर कम करने के लिए सामूहिक प्रयास कर रहा है. महिलाएं अब रात के समय भी काम कर सकती हैं.
highlights
- भारत श्रमशक्ति भागीदारी में लैंगिक अंतर कम करने के लिए सामूहिक प्रयास कर रहा है
- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में महिला उद्यमियों को छोटे उद्यम शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता दी गई है
- नियोक्ताओं को उनकी सुरक्षा और काम के घंटों के प्रावधान सुनिश्चित करने होंगे
नई दिल्ली:
केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने कहा है कि भारत श्रमशक्ति भागीदारी में लैंगिक अंतर कम करने के लिए सामूहिक प्रयास कर रहा है. महिलाएं अब रात के समय भी काम कर सकती हैं. उन्होंने कहा कि देश शिक्षा, प्रशिक्षण, कुशलता, उद्यमिता विकास और समान कार्य के लिए समान वेतन सुनिश्चित कर रहा है. गंगवार यहां बुधवार को जी-20 श्रम और रोजगार मंत्रियों की बैठक में घोषणा और कार्य समूह प्राथमिकताओं पर मंत्रिस्तरीय संबोधन कर रहे थे. मंत्री ने कहा कि मजदूरी पर नई संहिता, 2019 से मजदूरी, भर्ती और रोजगार की शर्तों में लिंग आधारित भेदभाव कम होगा. सभी प्रतिष्ठानों में सभी प्रकार के कार्य के लिए महिलाएं हकदार हैं. नियोक्ताओं को उनकी सुरक्षा और काम के घंटों के प्रावधान सुनिश्चित करने होंगे. महिलाएं अब रात के समय भी काम कर सकती हैं.
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लगभग 70 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं
गंगवार ने बताया कि सवैतनिक मातृत्व अवकाश की अवधि 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दी गई है. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में महिला उद्यमियों को छोटे उद्यम शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता दी गई है. इस योजना के तहत 9 हजार बिलियन रुपये के जमानत मुक्त ऋण वितरित किए गए हैं. इस योजना में लगभग 70 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं.
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न्यूनतम सुनिश्चित पेंशन का प्रावधान
श्रम और रोजगार मंत्री ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा संबंधी नई संहिता में अब स्वरोजगार और कार्य बल के अन्य सभी वर्गों को भी सामाजिक सुरक्षा कवरेज के दायरे में शामिल किया जा सकता है. असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए 2019 में शुरू की गई स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना में 60 वर्ष की आयु के बाद न्यूनतम सुनिश्चित पेंशन का प्रावधान है.
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