वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बोलीं- दुनिया के मुकाबले भारत की अर्थव्यवस्था बेहतर
प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ग्लोबल मंदी को समझने की जरूरत है, अमेरिका और जर्मनी पर आर्थिक मंदी का असर है
नई दिल्ली:
निर्मला सीतारमण ने हाई इकोनॉमी ग्रोथ हासिल करने के लिए उठाए जाने वाले कदम को लेकर प्रेस क्रॉन्फ्रेंस कर रही हैं. 32 स्लाइड में प्रेजेंटेशन है, जिसे 6 भागों में बांटा गया है. उन्होंने कहा, भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के बड़े देश खराब अर्थव्यवस्था से गुजर रहे हैं. हालांकि, सीतारमण ने कहा, भारत की ग्रोथ दूसरे कई देशों से बेहतर है. कंसल्टेशन में हमने हफ्तेभर से ज्यादा अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों और सचिवों के साथ बैठक की थी, जिससे हालात के बारे में जाना जा सके.
उन्होंने कहा कि 2014 से हम अर्थव्यवस्था में सुधार ला रहे हैं. ग्लोबल मंदी को समझने की जरूरत है. अमेरिका और जर्मनी पर आर्थिक मंदी का असर है. दुनिया के मुकाबले भारत की अर्थव्यवस्था बेहतर है. दुनिया में मांग घटने के आसार हैं. जीएसटी और आसान बनाएंगे. सरकार के एजेंडे में सुधार पहली प्राथमिकता है. वित्त मंत्री ने कहा कि भारत में कारोबार करना आसान हुआ है. उन्होंने कहा कि कंट्रीब्यूशन ESIC को 6.5 फीसदी से 4 फीसदी किया जा चुका है.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि चीन-अमेरिका ट्रेड वॉर से मंदी का खतरा बढ़ गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि आर्डर, नोटिस, सम्मन, लेटर ये सभी अब सेंट्रलाइज तरीके से किसी को भेजें जाएंगे. ताकि इसका गलत इस्तेमाल न हो. टैक्स पेयर्स को हैरेसमेंट न किया जा सके. वित्त मंत्री ने कहा कि आर्थिक सुधारों की दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है. इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरना पहले से काफी आसान हुआ है. जीएसटी को भी और आसान बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि कई देशों की तुलना में हमारी विकास दर भी काफी अच्छी है.
कोई दूसरा नोटिस नहीं माना जाएगा. 1 अक्टूबर तक सभी नोटिस को क्लियर करना होगा. 1 अक्टूबर के बाद सिर्फ सेंट्रलाइज नोटिस चलेंगे. इनकम टैक्स को लेकर किसी को नोटिस 1 अक्टूबर के बाद सिर्फ सेंट्रलाइज सिस्टम से ही भेजा जा सकेगा. सरचार्ज-लांग और शार्ट टर्म केपिटल गेन के लिए एफपीआई पर लगाया गया सर चार्ज वापस लिया गया. शेयर बाजार में विदेशी निवेश के लिए बड़ा बयान दिया है. स्टार्टअप में अगर कोई टैक्स रिलेटेड समस्या है तो उसे जल्द सुलझाया जा सकेगा.
बैंकों को 70 हज़ार करोड़ की पूंजी उपलब्ध कराया गया. जिससे बैंक ज़्यादा कर्ज़ दे सकें. बैंकों ने तय किया कि ब्याज दर घटाने के लिए MCLR को कम करेंगे. बैंक रेपो रेट लिंक्ड लोन प्रोजेक्ट लेकर आएंगे. जिसमें होम लोन कार लोन शामिल हैं. होम लोन की ब्याज दर से लोन प्रोडक्ट्स की ऑनलाइन ट्रैकिंग की जा सकेगी. बैंक ऑनलाइन sattlement पालिसी लेकर आएंगे. कार, घर और अलग गुड्स खरीदने के लिए लिक्विडिटी को 20 हज़ार से 30 हज़ार करोड़ किया गया. ब्याज दर घटेगी तो ईएमआई भी कम होगी.
आधार ऑथेन्टिकेशन को यूज करने के लिए NBFC को स्वीकृत किया जाएगा. एमएसएमई की परिभाषा बदलने के लिए एमएसएमई एक्ट में बदलाव होगा. आधार बेस्ड KYC को काफी मजबूत करने की कोशिश, ताकि कस्टमर को समस्या न हो. इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए बड़ा फैसला. सरकार और सरकारी कंपनियों द्वारा देरी से भुगतान की निगरानी एक्सपेंडिचर विभाग नज़र रखेगा और कैबिनेट सेक्रेटरी इसकी समीक्षा करेंगे. ऑटो मोबाइल सेक्टर के लिए बड़ी राहत. बीएस 4 वाहन अब 31 मार्च 2020 तक खरीदा और पंजीकरण कराया जा सकेगा.
यानी रेजिस्ट्रेशन फीस की समीक्षा को जून 2020 तक टाला गया. सरकार ने सरकारी विभागों द्वारा नई गाड़ियों के खरीदने पर लगाए बैन को वापस लिया. वित्त मंत्रालय अलग-अलग सेक्टर के हितधारकों के साथ समय समय पर लगातार बातचीत जारी रखेगी. एनसीआर ओर अन्य शहरों में अटके हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट पर जल्द ही वित्त मंत्रालय जरूरी कदम का एलान करेगी. 31 मार्च 2020 तक खरीदे गए BS-4 वाहन मान्य होंगे.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार की शाम 5 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू की. उनके साथ वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर भी मौजूद हैं. वहीं बैठक में मंत्रालय के सभी आला अधिकारी भी मौजूद रहे. आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती, राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय, वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार, एक्सपेंडिचर सचिव गिरीश चंद्र मुर्मू मौजूद रहे.
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