उमर खालिद पर हमला करने वाले दोनों आरोपियों को दो हफ्तों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) छात्र उमर खालिद पर जानलेवा हमला करने वाले दो आरोपियों को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दो हफ्तों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
नई दिल्ली:
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) छात्र उमर खालिद पर जानलेवा हमला करने वाले दो आरोपियों को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दो हफ्तों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। उमर खालिद पर यह हमला दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के बाहर 13 अगस्त को हमला हुआ था और इन दोनों युवकों को हरियाणा से हमले के 7 दिनों के बाद गिरफ्तार किया गया था। चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दीपक शेरावत ने दर्वेश शाहपुर और नवीन दलाल को 6 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा है।
पुलिस ने कोर्ट को बताया कि उनकी हिरासत में पूछताछ जरूरी नहीं है। हरियाणा के हिसार जिले के फतेहाबाद से 20 अगस्त से दोनों युवकों को गिरफ्तार किया गया था। दोनों युवकों ने दावा किया था कि वे गौरक्षक हैं और पशुओं की रक्षा के प्रति ध्यान दिलाना चाहते हैं।
दोनों युवकों ने पुलिस को बताया कि वे 13 अगस्त को कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में आयोजित 'खौफ से आजादी' नामक कार्यक्रम को बिगाड़ना चाहते थे। दलाल ने कॉन्स्टिट्यूशन क्लब पहुंचकर उमर खालिद को कार्यक्रम स्थल से बाहर पाया और कथित रूप से उन पर हमला किया।
दलाल ने कहा कि उन्होंने पिस्टल से फायरिंग नहीं की थी जैसा कि खालिद के द्वारा आरोप लगाया था। वे इसे लेकर चल रहे थे और भागने के दौरान यह गिर गया था। हालांकि पुलिस उमर खालिद के आरोपों की पुलिस जांच कर रही है जिसमें उन्होंने कहा था कि हथियार को उनके तरफ साधा गया था।
पुलिस के मुताबिक, दूसरा आरोपी शाहपुर ने भी घटनास्थल पर मौजूद थे लेकिन उमर पर हमला नहीं किया था। हमले के बाद दोनों आरोपी अलग-अलग भागे थे, एक ने बस लिया था और दूसरा मेट्रो लेकर भागा था।
15 अगस्त को सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में शाहपुर व दलाल ने कहा था कि वे अगले दिन स्वतंत्रता सेनानी करतार सिंह साराभा के घर के निकट गुरुद्वारे के पास पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करेंगे।
उन्होंने वीडियो में दावा किया था, 'हम खालिद (कंस्टीट्यूशन क्लब के बाहर) पर हुए हमले के लिए जिम्मेदार हैं, जो स्वतंत्रता दिवस से पहले हमारे देश के लोगों को उपहार देने की नीयत से किया गया था। हम पुलिस से अपील करते हैं कि हमारे अपराध के लिए किसी भी निर्दोष नौजवान को दंडित न करें।'
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उमर खालिद पर अज्ञात हमलावरों ने रिवॉल्वर से 13 अगस्त को कांस्टीट्यूशन क्लब के बाहर एक चाय की दुकान पर हमला किया था। पुलिस ने इस मामले में हत्या से प्रयास को लेकर एक केस दर्ज किया था।
हमले के बाद उमर खालिद ने कहा था कि, 'तथ्य यह है कि स्वतंत्रता दिवस से दो दिन पहले राष्ट्रीय राजधानी के सर्वाधिक सुरक्षा वाले क्षेत्रों में से एक में एक हथियारबंद हमलावर ने मुझ पर दिन के उजाले में हमला करने की हिम्मत की, जो कानून का डर न होने या सजा न मिलने के विश्वास को दर्शाता है।' उन्होंने यह भी कहा कि अगर कल उनके साथ कुछ हुआ तो इसके लिए केवल उस अज्ञात बंदूकधारी को जिम्मेदार नहीं समझें।
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उन्होंने कहा था कि वास्तविक अपराधी वे हैं, जो पद की शक्तियों नफरत, रक्तपात और भय के वातावरण बना रहे हैं। जिन लोगों ने हत्यारों और मॉब लिंचिंग की भीड़ को पूरी तरह से दंडमुक्त माहौल दिया है। सत्तारूढ़ दल (बीजेपी) के उन प्रवक्ता और प्राइम टाइम एंकर और टीवी चैनल जिन्होंने मेरे बारे में निराधार झूठ बोले हैं।
उन्होंने कहा था कि पुलिस द्वारा धारा 307 और शस्त्र अधिनियम के तहत अपराध दर्ज करने के बाद भी भगवा एजेंट यह सुझाव देने की कोशिश कर रहे थे कि हमला कभी नहीं हुआ।
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