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तीस्ता सीतलवाड़ को 'सुप्रीम' राहत, शीर्ष अदालत ने गुजरात हाई कोर्ट के फैसले पर लगाई रोक

गुजरात हाईकोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका खारिज करते हुए जल्द से जल्द आत्मसमर्पण करने के आदेश दिया था.शीर्ष कोर्ट ने रात 9 :15 बजे सामाजिक कार्यकर्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए जमानत दे दी.

Updated on: 01 Jul 2023, 10:22 PM

नई दिल्ली:

गुजरात हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई. शीर्ष कोर्ट ने रात 9 :15 बजे सामाजिक कार्यकर्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए जमानत दे दी. जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ए एस बोपन्ना की बेंच ने सुनवाई करते हुए तीस्ता सीतलवाड़ को गिरफ्तारी पर राहत देते हुए गुजरात हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी. शनिवार को गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ तीस्ता सीतलवाड़ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट ने आज ही उनकी जमानत याचिका रद्द करते हुए आत्मसर्पण करने का आदेश दिया था. 

सुप्रीम कोर्ट के दो जजों ने मामले को बड़ी बेंच को किया था ट्रांसफर

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के दो जजों ने मामले को बड़ी बेंच को ट्रांसफर कर दिया था. जज एएस ओका और न्यायमूर्ति पीके मिश्रा की दो सदस्यीय पीठ ने मामले की सुनवाई कर रहे दोनों जज ने इसे बड़ी बेंच के पास सुनवाई के लिए भेजा था. तीस्ता सीतलवाड़ को अंतरिम राहत देने को लेकर दोनों जजों ने राय अलग-अलग सामने आई थी. जस्टिस ओका सीतलवाड़ को राहत देना चाहते थे, लेकिन जस्टिस मिश्रा की राय इससे अलग थी. अब 3 जजों की बेंच मामले की सुनवाई करेगी. 

दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि 2002 के गुजरात दंगों के मामलों में आत्मसमर्पण करने से पहले सीतलवाड़ को गुजरात हाईकोर्ट की ओर से कुछ समय जाना चाहिए था. ऐसे में तीस्ता को राहत मिलती नहीं दिख रही है. अब उचित पीठ के गठन के लिए मामला सीजेआई के समक्ष रखा जाएगा. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. इसी कड़ी में गुजरात सरकार की ओर से सॉलिसेटर तुषार मेहता सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. 

तुषार मेहता ने कोर्ट में रखी बात

गुजरात सरकार की ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि 127 पन्ने के आदेश में हाई कोर्ट ने पर्याप्त कारण बताए हैं. इस पर एक जज ने कहा कि सीतलवाड़ 9 महीने से बेल पर हैं, मंगलवार तक क्या बिगड़ जाएगा. सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा कि यह केस सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर दर्ज हुआ. उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं फिर भी उन्हें (सीतलवाड़) हमेशा राहत दी गई. मेहता ने कोर्ट से अपील की इस मामले की सुनवाई 2 जुलाई को की जाए. 

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हाईकोर्ट याचिका खारिज
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 2002 के गोधराकांड के बाद हुए दंगों में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए सबूत गढ़ने से जुड़े एक मामले में गुजरात हाईकोर्ट की जज निर्झर देसाई की एकल पीठ बेंच ने सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर सुनवाई करने के दौरान कहा कि सीतलवाड़ ने लोकतांत्रिक तरीके से चुनी सरकार को अस्थिर करने और तत्कालीन मुख्यमंत्री की छवि खराब कर उन्हें जेल भेजने की साजिश रची थी. एकल बेंच ने सीतलवाड़ की याचिका खारिज करते हुए कहा कि उनकी रिहाई से समाज में गलत संदेश जाएगा.