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तीस हजारी हिंसाः हाईकोर्ट का आदेश, सर्वेश्रेष्ठ अधिकारी करें मामले की जांच

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच मौजूदा गतिरोध को सुलझाने के लिए सर्वश्रेष्ठ अधिकारियों की मदद ली जानी चाहिए

Updated on: 08 Nov 2019, 05:34 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच मौजूदा गतिरोध को सुलझाने के लिए सर्वश्रेष्ठ अधिकारियों की मदद ली जानी चाहिए. हाल ही में तीस हजारी कोर्ट में पुलिसकर्मियों व वकीलों के बीच झड़प हो गई थी. अदालत ने इस मामले की सुनवाई अगले साल 12 फरवरी तक टाल दी है. हाईकोर्ट का फैसला एक वकील द्वारा दायर याचिका पर आया है, जिसमें कुछ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की गई थी.

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मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने वकील की याचिका पर सुनवाई की. याचिका में दिल्ली पुलिस के उन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने की मांग की गई है, जिन्होंने पांच नवंबर को एक विरोध प्रदर्शन में भाग लिया था.

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अगले साल 12 फरवरी के लिए मामले को सुनवाई के लिए टालते हुए, अदालत ने कहा, "निपटारे के लिए अपने सर्वश्रेष्ठ अधिकारियों का उपयोग करें. कृपया प्रतीक्षा करें और देखें. लंबी तारीख की आवश्यकता है और हम इसे देखेंगे." सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील विवेक नारायण शर्मा ने कहा कि वह कानूनी बिंदुओं पर बहस करना चाहते हैं.

राकेश कुमार द्वारा हाईकोर्ट में दायर याचिका में मधुर वर्मा, असलम खान, मेघना यादव और संयुक्ता पाराशर सहित कई भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों और वरिष्ठ कर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग की गई है. इसमें दावा किया गया है कि इन अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ बयान दिए गए हैं.