सुपर 30 ने ज्योति को इंजीनियरिंग की तैयारी करने के लिए आमंत्रित किया
सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार ने सोमवार को फेसबुक पर प्रणव के ज्योति से मुलााकत की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, बिहार की बेटी ज्योति कुमारी ने हरियाणा से 1200 किलोमीटर साईकिल चलाते हुये अपने बीमार पिता को दरभंगा लाकर मिसाल कायम किया है.
नई दिल्ली:
कोरोनावायरस (Corona Virus) के संक्रमण काल में अपने पिता को साइकिल पर बिठाकर हरियाणा के गुरुग्राम से बिहार के दरभंगा लाने वाली ज्योति को चर्चित शिक्षण संस्थान सुपर-30 ने संस्थान में इंजीनियरिंग की तैयारी कराने के लिए न्योता दिया है. सुपर-30 के प्रणव कुमार ने रविवार को ज्योति और उनके पिता से मिलकर उन्हें उज्जवल भविष्य की शुभकामना दी और भविष्य में सुपर 30 में पढ़ने के लिए आमंत्रित किया.
सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार ने सोमवार को फेसबुक पर प्रणव के ज्योति से मुलााकत की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, बिहार की बेटी ज्योति कुमारी ने हरियाणा से 1200 किलोमीटर साईकिल चलाते हुये अपने बीमार पिता को दरभंगा लाकर मिसाल कायम किया है. कल मेरे छोटे भाई प्रणव कुमार ने ज्योति से मुलाकात की. अगर ज्योति आगे चलकर आईआईटी प्रवेश परीक्षा की तैयारी करना चाहेगी तो हमलोगों का सौभाग्य होगा कि वह सुपर 30 का हिस्सा बने. इंजीनियरिंग की पढ़ाई में होने वाले खर्च की व्यवस्था हमलोग ही करेंगे.
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इवांका ट्रंप ने की थी तारीफ
उल्लेखनीय है कि सुपर 30 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराने के लिए प्रसिद्घ संस्थान है. इससे पहले भी ज्योति को कई शिक्षण संस्थानों ने नि:शुल्क शिक्षा देने या पढ़ाई में आने वाले सभी खर्च वहन करने की घोषणा की है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इंवाका ट्रंप ने ज्योति की तारीफ क्या की, बिहार के नेताओं में भी ज्योति की मदद के लिए होड़ मच गयी है. आज नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी ने ज्योति कुमारी से बात की और उसे मदद करने का भरोसा दिलाया. तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ज्योति कुमारी से बात की.
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सीएफआई ने बढ़ाए मदद को हाथ
ऐसे में ज्योति ने पिता के साथ साइकिल पर वापस गांव का सफर तय करने का फैसला किया. ज्योति की कहानी वायरल होने के बाद सीएफआई का ध्यान भी उनकी प्रतिभा की ओर गया. पासवान ने कहा, हां, हमारे पास नयी दिल्ली (सीएफआई) से फोन आया था. मैंने उन्हें कहा कि ज्योति को अभी आराम की जरूरत है. शायद दो-तीन महीने बाद हम इस पर विचार करेंगे. ज्योति इससे पहले गांव से पांच किलोमीटर दूर स्कूल जाती थी. पासवान ने कहा, गांव आने के लिए ज्योति लगातार कई घंटे तक साइकिल चलाती रहती थी. वह रात में भी साइकिल चलाती रहती थी. बीच-बीच में हमें ट्रक और टैक्टर वाले थोड़ा सहारा दे देते थे. गांव पहुंचने के बाद दरभंगा के जिलाधिकारी ने भी ज्योति से मुलाकात कर उन्हें नयी साइकिल भेंट की और कक्षा नौ में उसका नामांकन कराया.
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