सोहराबुद्दीन मामले में स्मृति ईरानी ने कहा-'शाह को फंसाने के लिए कांग्रेस ने रचा था षड़यंत्र'
स्मृति ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा है कि कांग्रेस अपने शासनकाल में अमित शाह के खिलाफ साजिश रच रही है.
नई दिल्ली:
साल 2019 की शुरुआत के पहले दिन ही केंद्रिय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है. स्मृति ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा है कि कांग्रेस अपने शासनकाल में अमित शाह के खिलाफ साजिश रच रही है. उन्होंने आगे कहा, ' कांग्रेस जांच एजेंसी का इस्तेमाल कर अमित शाह को फंसाना चाहती थी. कांग्रेस पार्टी ने साल 2010 में अमित शाह के खिलाफ सीबीआई का गलत इस्तेमाल किया.' ईरानी ने ये भी कहा कि शाह को सोहराबुद्दीन मामले में साजिश रच कर फंसाने के लिए कांग्रेस ने प्रशासनिक ताकतों का दुरुपयोग किया.
Union Minister & BJP leader Smriti Irani: Congress misused the CBI in 2010 to frame BJP Pres Amit Shah. There’s clear proof of political conspiracy by Congress against him. We want to highlight to the nation that Congress will not spare anyone who comes in their pursuit of power. pic.twitter.com/v2tW8DnzlG
— ANI (@ANI) January 1, 2019
स्मृति ईरानी ने सोनिया गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने (सोनिया गांधी) ऐसी तमाम कोशिश की जिससे अमित शाह का राजनीतिक करियर खत्म हो जाए. कांग्रेस पार्टी सत्ता में रहकर राजनीतिक संस्थाओं को इस्तेमाल करके संविधान, न्याय को रौंदने के लिए तत्पर रहते हैं.
बता दें कि सोहराबुद्दीन शेख, तुलसीराम प्रजापति मुठभेड़ और कौसर बी दुष्कर्म व सनसनीखेज हत्या मामले में, 12 वर्ष बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को सभी 22 आरोपियों को बरी कर दिया और कहा कि पेश किए गए 'गवाह और सबूत संतोषजनक नहीं थे.'
विशेष अदालत के न्यायाधीश एस.जे. शर्मा ने कहा, '2005 के मुठभेड़ मामलों में साजिश और हत्या का जुर्म साबित करने के लिए पेश सबूत और गवाह संतोषजनक नहीं है.'
ये भी पढ़ें: सोहराबुद्दीन शेख और जज लोया को किसी ने नहीं मारा, वे बस मर गए : राहुल गांधी का कोर्ट के फैसले पर तंज
क्या है सोहराबुद्दीन केस मामला
गुजरात के आतंकवाद-रोधी दल (एटीएस) ने 26 नवंबर, 2005 को सोहराबुद्दीन को कथित मुठभेड़ में मार गिराया था. प्रजापति भी इसी तरह के हालात में 28 दिसंबर, 2006 को मारा गया था। वहीं, कौसर बी जो अपने पति सोहराबुद्दीन के अपहरण की गवाह थी, उसकी दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी.
इन हत्याओं के कारण गुजरात में तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार विवादों में फंस गई थी, क्योंकि इसमें राजनीति सहित भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारियों और अन्य अधिकारियों के नाम शामिल थे। उस समय मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह राज्यमंत्री अमित शाह थे.
अभियोजन पक्ष ने दलील दी थी कि सोहराबुद्दीन के लश्कर-ए-तैयबा और अन्य आतंकवादी समूहों के साथ संबंध थे और वह तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी, जो अब प्रधानमंत्री हैं, की हत्या की साजिश रच रहा था. मुठभेड़ का आदेश तत्कालीन गृह राज्यमंत्री अमित शाह ने दिया था.
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