किसानों का अब MSP समिति के लिए नाम भेजने से इंकार, केंद्र पर जड़े आरोप
जब तक किसान मोर्चा के सवालों के जवाब नहीं मिल जाते हैं, तब तक समिति के लिए नाम सरकार को नहीं भेजा जाएगा.
highlights
- केंद्र सरकार ने किसानों से एमएसपी समिति के लिए मांगे नाम
- किसानों ने कहा सरकार ने उनके सवालों का नहीं दिया जवाब
- ऐसे में एसकेएम नहीं भेजेगा सरकार को समिति के लिए नाम
नई दिल्ली:
पिछले साल प्रकाश पर्व पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भावुक संदेश देते हुए तीनों कृषि कानून वापस ले लिए थे. इसके साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य पर एक समिति बनाने का वादा किया था. हालांकि ऐसा लग रहा है कि केंद्र पर वादाखिलाफी का आरोप लगाकर किसान संगठन नए सिरे से केंद्र के प्रयासों में बाधा पैदा कर रहे हैं. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद में बयान देते हुए कहा था कि किसान मोर्चा की तरफ से नाम मिलते ही समिति का गठन कर दिया जाएगा. यह अलग बात है कि लंबे समय तक टकरावपूर्ण रवैया अपनाने के बाद किसान नेताओं ने केंद्र सरकार पर नए आरोप लगा समिति के लिए नाम भेजने से इंकार कर दिया है.
एसकेएम का आरोप सरकार ने नहीं दिए सवालों के जवाब
अब किसान नेताओं का कहना है केंद्र सरकार एमएसपी पर उनके सवालों को टाल रही है. ऐसे में जब तक किसान मोर्चा के सवालों के जवाब नहीं मिल जाते हैं, तब तक समिति के लिए नाम सरकार को नहीं भेजा जाएगा. एएनआई समाचार एजेंसी के मुताबिक संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि कृषि सचिव संजय अग्रवाल का 22 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा की समन्वय कमेटी के सदस्य युद्धवीर सिंह के पास फोन आया, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार की तरफ से गठित की जाने वाली समिति के लिए दो-तीन नाम मांगे थे. यह अलग बात है कि एसकेएम का कहना है कि समिति के कई सवालों के जवाब साफ नहीं हो पाए. ऐसे में मोर्चा ने सरकार को 24 मार्च को ईमेल कर स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा गया. उसके बाद 30 मार्च को रिमाइंड कराया गया. इसके बाद भी अब तक सरकार से कोई जवाब नहीं मिला है.
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सरकार रिपोर्ट मानने के लिए बाध्यकारी या नहीं
बताते हैं कि किसान मोर्चा ने 24 मार्च को भेजे ई-मेल में प्रस्तावित कमेटी के टर्म ऑफ रेफरेंस, कार्यप्रणाली और सदस्यों के बारे में जानकारी मांगी थी. इसके साथ ही यह भी पूछा गया था कि समिति का अध्यक्ष कौन होगा और इसे अपनी रिपोर्ट देने के लिए कितनी मियाद दी जाएगी. साथ ही किसान मोर्चा ने यह भी जानना चाहा था कि सरकार समिति की रिपोर्ट मानने के लिए बाध्य होगी या नहीं... इन सवालों के जवाब सरकार की ओर से अभी तक किसान मोर्चा को नहीं मिले हैं. ऐसे में एसकेएम ने अभी तक नाम नहीं भेजे हैं.
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