logo-image

25 घंटे में संजय राउत के 5 बयान और अंत में माफीनामा, पढ़ें पूरी खबर

रातोंदिन बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी नीतियों को कोसने वाले संजय राउत का कहना है, प्रधानमंत्री सबसे लोकप्रिय नेता हैं और उनके लिए मेरे दिन में बहुत इज्‍जत है.

Updated on: 16 Jan 2020, 03:58 PM

नई दिल्‍ली:

शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) कुछ बदले-बदले नजर आ रहे हैं. रातोंदिन बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी नीतियों को कोसने वाले संजय राउत का कहना है, प्रधानमंत्री सबसे लोकप्रिय नेता हैं और उनके लिए मेरे दिन में बहुत इज्‍जत है. साथ ही कांग्रेस को लेकर दिखाया गया दुस्‍साहस उन्‍हें भारी पड़ गया और अपना बयान वापस लेने के साथ ही उन्‍हें माफी मांगनी पड़ी. माफिया डॉन करीम लाला से पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के मिलने के लिए आने की बात कहने के बाद कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी.

यह भी पढ़ें : करीम लाला के पोते का खुलासा - घर में इंदिरा गांधी के साथ है दादा की तस्‍वीर

नौबत यहां तक आ गई कि हमेशा आन-बान-शान दिखाने वाले संजय राउत को माफी तक मांगनी पड़ गई. राजनीतिक हलकों में कहा जा रहा है कि संजय राउत के भाई को मंत्री न बनाए जाने के बाद से उनका मिजाज कुछ बदला है और हालिया बयान इसी का नतीजा हैं. जानें संजय राउत के पिछले 24 घंटे में दिए गए 5 बड़े बयान:

  1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) हमारे देश के अबतक के सबसे लोकप्रिय नेता हैं. उनके लिए मेरे दिल में बहुत ज्यादा इज्जत है. मैं अब तक इस सरकार का हिस्सा नहीं हूं, इस तरह से मैं भी विपक्ष की तरह ही हूं.
  2. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) मुंबई में पुराने डॉन करीम लाला (Karim Lala) से मिलने आती थीं. दाऊद इब्राहिम (Doud Ibrahim), छोटा शकील (Chhota Shaqil) और शरद शेट्टी (Sharad Shetty) जैसे गैंगस्टर महानगर और आसपास के क्षेत्रों पर नियंत्रण रखते थे.
  3. उस समय माफिया डॉन ही तय करते थे कि पुलिस आयुक्त (Police Commissioner) कौन बनेगा, मंत्रालय (सचिवालय) में कौन बैठेगा. हाजी मस्तान (Hazi Mastan) के आने पर पूरा मंत्रालय उसे देखने के लिए नीचे आ जाता था.
  4. नेहरू (Pt Jawaharlal Nehru) और इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के लिए हमेशा से सम्मान है. करीम लाला से कई नेताओं की मुलाकात होती थी. अफगानिस्तान (Afganistan) के पठानों के नेता के रूप में नेताओं की उनसे मुलाकात होती थी. करीम लाला के दफ्तर में कई नेताओं की तस्वीरें भी थीं. समस्या जानने के लिए करीम लाला से सभी नेता मिलते थे.
  5. अगर मेरी बात से कांग्रेस (Congress) के किसी भी नेता को या फिर गांधी परिवार (Gandhi Family) को दुख पहुंचा है तो वे बयान वापस लेते हैं. हमारे कांग्रेस के मित्रों को आहत होने की जरूरत नहीं है. अगर किसी को लगता है कि मेरे बयान से इंदिरा गांधी जी की छवि को धक्का पहुंचा है या किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है, तो मैं अपने बयान को वापस लेता हूं.