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राहुल गांधी की अध्यक्ष पद पर वापसी चाहते हैं वरिष्ठ कांग्रेसी, फिर उठी मांग

कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के 135वें स्थापना दिवस पर शनिवार को एक बार फिर पार्टी के शीर्ष पद के लिए पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की वापसी की मांग की है

Updated on: 28 Dec 2019, 04:57 PM

नई दिल्ली:

कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के 135वें स्थापना दिवस पर शनिवार को एक बार फिर पार्टी के शीर्ष पद के लिए पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की वापसी की मांग की है. लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था. आम चुनाव में पार्टी 542 सीटों में से सिर्फ 52 सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई थी. इसके बाद पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी ने 25 मई को परिणाम आने के दो दिन बाद हार की जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस कार्यकारिणी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में पार्टी के शीर्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.

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हालांकि, कांग्रेस नेताओं ने एक मत से उनका इस्तीफा अस्वीकार कर दिया था. लेकिन राहुल गांधी अपनी बात पर कायम रहे और जुलाई के अंत में वह पद से हट गए. उनके इस्तीफे के बाद पार्टी ने सोनिया गांधी को एक बार फिर 10 अगस्त को पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष चुना था. पार्टी के स्थापना दिवस पर यहां पार्टी मुख्यालय में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, "राहुल जी को पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा नहीं देना चाहिए था. लेकिन लोकसभा में हुए नुकसान की जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने यह निर्णय लिया. हम चाहते हैं कि वह एक बार फिर से पार्टी का नेतृत्व करें."

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कांग्रेस नेता प्रधानमंत्री और भाजपा सरकार पर विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) व राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर(एनआरसी) को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे. पार्टी नेता तारिक अनवर ने भी आईएएनएस से कहा, "शीर्ष पद से इस्तीफा देने का फैसला उनका खुद का था. सीडब्ल्यूसी के सदस्य और अन्य पार्टी नेताओं ने उन्हें समझाने का प्रयत्न किया कि वह पद पर बने रहें, लेकिन वह अपने रुख पर कायम रहे." पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, "अभी भी पार्टी के कार्यकर्ता और अन्य पार्टी नेता उन्हें पार्टी का नेतृत्व करते हुए देखना चाहते हैं. लेकिन एक बार फिर से इसका निर्णय पूर्ण रूप से उनका ही होगा." ऐसा पहली बार नहीं है जब पार्टी कार्यकर्ता और नेता राहुल की वापसी की मांग कर रहे हैं. 14 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई भारत बचाओं रैली में भी कई नेताओं ने इस प्रकार की मांग की थी.