संघ के एजेंडे में मथुरा-काशी नहीं बल्कि जनसंख्या नियंत्रण कानून, मोहन भागवत के बयान के मायने
आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत ने जनसंख्या वृद्धि के मुद्दे पर कहा है कि अब देश में दो बच्चों के कानून की जरूरत है. काशी और मथुरा संघ के लिए मुद्दा नहीं हैं.
highlights
- आरएसएस ने अब अपने एजेंडे में देश की बढ़ती जनसंख्या को शामिल किया.
- काशी-मथुरा संघ के मुद्दे में न थे और न भविष्य में होने वाले हैं.
- हालांकि भागवत के इस बयान पर विपक्ष हमलावर हो उठा है.
नई दिल्ली:
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अब अपने एजेंडे में देश की बढ़ती जनसंख्या को शामिल कर लिया है. आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत ने जनसंख्या वृद्धि के मुद्दे पर कहा है कि अब देश में दो बच्चों के कानून की जरूरत है. उन्होंने साफ किया है कि काशी और मथुरा संघ के लिए मुद्दा नहीं हैं. संघ प्रमुख भागवत ने यह बात उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में चल रहे संघ के एक कार्यक्रम के दौरान कही. हालांकि भागवत के इस बयान पर विपक्ष हमलावर हो उठा है. संघ प्रमुख इन दिनों चार दिवसीय मुरादाबाद प्रवास पर हैं.
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सीएए पर पीछे हटने की जरूरत नहीं
सूत्रों के मुताबिक, उनका कहना है कि इसके लिए जनसंख्या वृद्धि पर सोचना होगा. उन्होंने हालांकि यह भी साफ किया कि इस संबंध में अंतिम फैसला सरकार को लेना है. सूत्रों के मुताबिक, संघ प्रमुख ने यह भी कहा कि 'राम मंदिर का एजेंडा हमारा प्रमुख एजेंडा था. अब बहुत जल्द भव्य राम मंदिर बनेगा.' भागवत ने कहा कि 'काशी और मथुरा संघ के मुद्दे में न थे और न भविष्य में होने वाले हैं. संघ अब देश में दो बच्चों वाले कानून के लिए जागरूकता अभियान चलाएगा और संघ इसके लिए कानून बनाए जाने के लिए प्रयास करेगा.' नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर संघ प्रुख ने कहा कि इस पर पीछे हटने की जरूरत नहीं है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं वकालत
ध्यान रहे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 15 अगस्त को अपने लालकिले के भाषण में जनसंख्या विस्फोट का मुद्दा उठाया था और लोगों से परिवार नियोजन अपनाने की बात कही थी. इस मुद्दे पर कई सरकारी, गैर सरकारी और सामाजिक संस्थाएं लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान भी चला रही हैं. इस प्रवास पर उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ प्रांत और ब्रज प्रान्त के संघ के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की बैठकें हो रही हैं. इस दौरान संघ प्रमुख आनुषांगिक संगठनों की बैठक में शिरकत करने के अलावा कई अन्य बैठकों में भी जाएंगे.
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