RSS की 2 दिवसीय बैठक खत्म, कहा- राम मंदिर पर जो भी फैसले आए उसे सभी लोग खुले मन से स्वीकार करें
बीजेपी कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा, संगठन महासचिव बीएल संतोष के साथ मोहन भागवत और भैया जी जोशी की अलग से भी चर्चा हुई है
नई दिल्ली:
दिल्ली में दो दिवसीय आरएसएस पदाधिकारीयो की बैठक गुरुवार को संपन्न हो गई है. बैठक बुधवार को शुरू हुई थी. राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद सौहार्द्रपूर्ण वातावरण बनाये रखने पर जोर दिया गया. सूत्रों के मुताबिक बैठक में जनसंख्या नीति, NRC और दक्षिण भारत में विस्तार को लेकर भी चर्चा हुई. बीजेपी कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा, संगठन महासचिव बीएल संतोष के साथ मोहन भागवत और भैया जी जोशी की अलग से भी चर्चा हुई है. करीब तीन घंटे तक नड्डा और संतोष मौजूद रहे.
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गौरतलब है कि आरएसएस की हरिद्वार में होने वाली दो दिन की बैठक स्थगित हो गई थी. इसके बाद दिल्ली में दो दिवसीय बैठक आयोजित की गई. आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार के मताबिक आने वाले दिनो में श्रीराम जन्मभूमि मामले में सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने की संभावना है. निर्णय जो भी आए उसे सभी को खुले मन से स्वीकार करना चाहिए. निर्णय के पश्चात देश भर में वातावरण सौहार्द्रपूर्ण रहे. यह सबका दायित्व है. इस विषय पर भी बैठक में विचार हुआ.
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बैठक में आरएसएस (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat), भैय्याजी जोशी (Bhaiyyaji Joshi) समेत आरएसएस (RSS) के नेता मौजूद रहे. बीजेपी कार्यकारी अध्यक्ष (BJP working President) जेपी नड्डा (JP Nadda ) भी बैठक में मौजूद रहे. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ राम मंदिर के मामले को लेकर बैठक कर रहे हैं. अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने ट्वीट करते हुए हुए कहा कि हरिद्वार में प्रचारक वर्ग के साथ दो दिन की बैठक पहले से निश्चित थी. प्रचारक वर्ग के आवश्यक कारणों से बैठक स्थगित कर दी गई है. इसके आगे उन्होंने कहा कि बैठक हरिद्वार के स्थान पर अब दिल्ली में हो रही है.
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उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के वाद पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने की संभावना है. निर्णय जो भी आए उसे सभी को खुले मन से स्वीकार करना चाहिए. निर्णय के पश्चात देश भर में वातावरण सौहार्द्रापूर्ण रहे. यह सबका दायित्व है. इस विषय पर भी बैठक में विचार हो रहा है. राम मंदिर पर पक्ष में फैसला आने की स्थिति में सांप्रदायिक तनाव बढ़ने की आशंका है. इसके मद्देनजर संघ ने रणनीति बनाई है. उन्होंने कहा कि फैसला आने के बाद सड़क पर उतर कर जश्न नहीं मनाएंगे. मंदिरों और घरों में पाठ करेंगे. जब अयोध्या की जमीन कानूनी रूप से मिल जाएगा तब देश भर में जश्न मनाया जाएगा.
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