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अयोध्या फैसला के मद्देनजर आरपीएफ ने जारी की एजवाइजरी, 80 प्रमुख स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ाई

सूत्रों ने बताया कि परामर्श में प्लेटफॉर्म्स, रेलवे स्टेशनों, यार्ड, पार्किंग स्थल, पुलों और सुरंगों के साथ-साथ उत्पादन इकाइयों और कार्यशालाओं में सुरक्षा जैसे मुद्दों को शामिल किया गया है.

Updated on: 07 Nov 2019, 08:50 PM

दिल्ली:

रेलवे पुलिस (RPF) ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद (Ram Birth Place and Babri Mosque Controversy) मामले में उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के फैसले के मद्देनजर गुरुवार को सुरक्षा तैयारियों पर अपने सभी मंडलों के लिए निर्देश वाला सात पृष्ठों का परामर्श जारी किया. सूत्रों ने बताया कि रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के परामर्श में जानकारी दी गई है कि उसके सभी कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई है. उन्हें ट्रेनों की सुरक्षा में तैनात रहने के निर्देश दिए गए हैं. सूत्रों ने बताया कि परामर्श में प्लेटफॉर्म्स, रेलवे स्टेशनों, यार्ड, पार्किंग स्थल, पुलों और सुरंगों के साथ-साथ उत्पादन इकाइयों और कार्यशालाओं में सुरक्षा जैसे मुद्दों को शामिल किया गया है. परामर्श में उन स्थानों की पहचान की गई है जो किसी भी तरह की हिंसा के लिहाज से संवेदनशील हो सकते हैं या जिनका विस्फोटकों को छिपाने में इस्तेमाल किया जा सकता है.

उन्होंने बताया कि आरपीएफ कर्मी सभी ट्रेनों में तैनात रहेंगे और उन्हें आधुनिक उपकरण दिए जांएगे. खोजी कुत्तों की मदद ली जाएगी और गहन सुरक्षा जांच की जाएगी. रेल पटरियों, पुलों और सुरंगों पर सभी संवदेनशील स्थानों पर गश्त दी जाएगी. मंदिर-मस्जिद भूमि विवाद में फैसला 17 नवंबर को भारत के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के सेवानिवृत्त होने से पहले आने की संभावना है. आरपीएफ के परामर्श में कहा गया है कि रेलवे स्टेशनों के समीप और उसके दायरे में आने वाले धार्मिक ढांचों पर करीब से नजर रखी जाए क्योंकि वहां हिंसा ‘‘भड़कने की ज्यादा आशंका’’ है. इसमें ऐसे ढांचों की देखभाल करने वाले लोगों को उन्हें बिना सुरक्षा के न छोड़ने का निर्देश भी दिया गया है.

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इसमें कहा गया है कि दिल्ली, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के स्टेशनों समेत करीब 80 प्रमुख स्टेशनों की पहचान की गयी है जहां अधिक संख्या में यात्री आते हैं और यहां आरपीएफ कर्मियों की मौजूदगी बढ़ायी गयी है. परामर्श में पूर्व के उस आदेश को भी रद्द किया गया है जिसमें स्टेशनों को वहां कोई ट्रेन न होने पर बिजली बचाने के लिए करीब 30 प्रतिशत रोशनी कम रखने की अनुमति दी गयी थी. परामर्श में सभी मंडलों को हर वक्त 100 फीसदी रोशनी रखने का निर्देश दिया गया है. परामर्श में कहा गया है कि अगर रेलवे परिसरों पर भीड़ देखी जाती है तो त्वरित कार्रवाई बल मौजूद रहें, प्रवेश तथा निकासी द्वारों को सील कर दिया जाए. साथ ही सीसीटीवी कैमरों से परिसरों की निगरानी करने के निर्देश भी दिए गए हैं.

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इसमें मंडलों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि इस दौरान वीवीआईपी या सैन्य आवाजाही के बारे में कोई सूचना लीक न हो. अन्य स्टेशनों पर भी आरपीएफ कर्मियों की संख्या बढ़ गयी है. सभी मंडलों को बैग की जांच करने वाले उपकरणों, सीसीटीवी कैमरों की मरम्मत कराने और लॉबियों तथा प्रतीक्षा क्षेत्रों जैसे भीड़भाड़ वाले हिस्सों पर लगातार नजर रखने के लिए भी कहा गया है. सूत्रों ने बताया कि रेलवे मंडलों से यह भी कहा गया है कि वह सुनिश्चित करें कि मालगाड़ियों के सभी खाली पड़े डिब्बे बंद हों क्योंकि बदमाश छिपने के स्थान के तौर पर उनका इस्तेमाल कर सकते हैं.

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स्टेशन परिसर से चलने वाली सभी टैक्सियों के चालकों को यात्रियों से उनका ब्यौरा लेने और अगर कोई गड़बड़ी पाए जाए तो आरपीएफ कर्मी को सूचित करने को कहा गया है. सूत्रों ने बताया कि मंडलों को सभी यार्डों से कचरा तथा अतिरिक्त झाड़ियां साफ कराने के लिए कहा गया है क्योंकि उनका आईईडी लगाने के लिए उपयुक्त स्थान के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. इस बीच, गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश खासतौर से अयोध्या में सुरक्षा के लिए अर्द्धसैन्य बलों के करीब 4,000 कर्मियों को भेजा है.