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SC के आदेश पर राजीव गांधी हत्याकांड के शेष छह दोषी भी जेल से रिहा

जेल अधिकारियों ने भी दोषियों को वह राशि भी सौंपी, जो उन्होंने जेल में काम करके कमाई थी. वे जेलों से किताबें और अन्य व्यक्तिगत सामान भी ले गए.

Updated on: 12 Nov 2022, 10:44 PM

highlights

  • राजीव गांधी की हत्या के सभी दोषी अब जेल से रिहा
  • सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को रिहाई के दिए थे आदेश
  • इसके लिए सर्वोच्च अदालत ने संविधान प्रदत्त शक्ति का लिया सहारा

चेन्नई:

तमिलनाडु जेल प्रशासन ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के छह दोषियों को भी जेल से रिहा कर दिया. दोषियों को रिहा करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर राज्य जेल विभाग को एक ई-मेल के जरिये उसके आदेश की पुष्टि मिली. रॉबर्ट पायस और उनके बहनोई जयकुमार को शाम करीब सवा पांच बजे पुझाल केंद्रीय कारागार से रिहा कर दिया गया, तो मुरुगन और संथन को वेल्लोर केंद्रीय कारागार से शाम करीब पांच बजे रिहा किया गया. जेल अधिकारियों ने भी दोषियों को वह राशि भी सौंपी, जो उन्होंने जेल में काम करके कमाई थी. वे जेलों से किताबें और अन्य व्यक्तिगत सामान भी ले गए.

पैरोल पर चल रही नलिनी श्रीहरन शनिवार को वेल्लोर के निकट काटपाडी पुलिस थाने में पेश हुईं और उन्होंने बही पर हस्ताक्षर कर दिए. रविचंद्रन छुट्टी पर थे और उन्हें मदुरै केंद्रीय कारागार से रिहा कर दिया गया. नलिनी और रविचंद्रन को संबंधित जेल अधिकारियों के सामने पेश होना होगा, जहां से उन्होंने पैरोल का लाभ उठाया. अब वे भी रिहाई के लिए आवेदन कर सकेंगी. जेल प्रशासन इसके बाद कागजी कार्रवाई कर उन्हें भी रिहा कर देगा. रॉबर्ट पायस, जयकुमार और संथन को त्रिची के कोट्टापट्टू में विदेशी नागरिकों के लिए एक विशेष शिविर में हिरासत में रखा जाएगा, जबकि अन्य जहां चाहें वहां रह सकते हैं. मामले के एक अन्य दोषी ए जी पेरारिवलन को मई में रिहा कर दिया गया था.

गौरतलब है कि मई में संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत मिली असाधारण शक्तियों का प्रयोग करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आजीवन सजा के दोषी एजी पेरिरिवलन को रिहा करने के आदेश दिए थे. अब शुक्रवार को इसी असाधारण शक्तियों का प्रयोग करते हुए शेष छह दोषियों को भी रिहा करने का आदेश दे दिया. सर्वोच्च अदालत ने माना था कि सभी दोषी एक ही श्रेणी में आते हैं, जो जेल में 30 साल से अधिक की सजा काट चुके हैं.