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शरद पवार से मिलकर राहुल गांधी ने एनसीपी-कांग्रेस विलय की चर्चाओं को दी और हवा

गुरुवार को राहुल गांधी की एनसीपी नेता शरद पवार और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात ने राजनीतिक कयासों को हवा दे दी है. माना जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष एनसीपी और कांग्रेस के विलय की संभावनाओं को टटोलने के लिए ही शरद पवार से मिलने गए थे.

Updated on: 31 May 2019, 06:38 AM

highlights

  • एनसीपी-कांग्रेस के विलय की चर्चाओं के बीच राहुल ने की शरद पवार से मुलाकात.
  • बाद में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी मिलने उनके आवास पहुंचे.
  • फिलहाल राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ने पर अड़े हुए हैं.

नई दिल्ली.:

लोकसभा चुनाव में मिली करारी पराजय ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को तगड़ा झटका दिया है. वह न सिर्फ अपने कांग्रेसी साथियों से नाराज हैं, बल्कि कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर भी अड़े हुए हैं. यह अलग बात है कि इस निर्णय से उन्हें डिगाने के लिए कांग्रेसी नेता जी-जान से जुटे हुए हैं. इन सबके बीच गुरुवार को राहुल गांधी की एनसीपी नेता शरद पवार और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात ने राजनीतिक कयासों को हवा दे दी है. माना जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष एनसीपी और कांग्रेस के विलय की संभावनाओं को टटोलने के लिए ही शरद पवार से मिलने गए थे.

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शरद पवार से मिल मनमोहन सिंह के आवास पहुंचे राहुल गांधी
शरद पवार से मुलाकात करने के बाद राहुल गांधी पूर्व प्रधानमंत्री मनोमहन सिंह से मुलाकात करने पहुंच गए. शरद पवार और मनमोहन सिंह से पहले राहुल गांधी से कर्नाटक सीएम एचडी कुमारस्वामी ने उनके निवास पर मुलाकात की थी. बताते हैं कि इस मुलाकात में राज्य के राजनीतिक हालातों पर चर्चा हुई. हालांकि राहुल गांधी ने इससे पहले कई कांग्रेसी नेताओं से मुलाकात करने से इंकार कर दिया था. इस क्रम में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और डीप्टी सीएम सचिन पायलट का नाम भी शामिल हैं.

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एनसीपी-कांग्रेस में विलय की चर्चा तेज
गुरुवार को एनसीपी नेता शरद पवार से मुलाकात कर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन कयासों को और बल दे दिया, जिनमें एनसीपी और कांग्रेस में विलय की संभावनाओं की चर्चा की गई थी. कांग्रेस और एनसीपी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि विलय का सुझाव दोनों दलों के कुछ नेताओं की ओर से आया है. हालांकि कांग्रेस नेता इस मसले पर आलाकमान का रुख साफ होने तक सार्वजनिक तौर पर बोलने से बच रहे हैं. विलय को लेकर पार्टी के नेताओं ने अंदरखाने प्रस्ताव भी तैयार किया है, जिसके तहत विलय होने पर एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार को राज्यसभा में विपक्ष के नेता का पद दे दिया जाए.

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कांग्रेस को मिल सकेगा नेता प्रतिपक्ष पद
माना जा रहा है कि अगर कांग्रेस और एनसीपी का विलय होता है कि तो लोकसभा में कांग्रेस सदस्यों की संख्या बढ़कर 57 हो जाएगी. इनमें एनसीपी के 5 सांसद शामिल होंगे. इस तरह कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष का पद भी मिला जाएगा, जिसके लिए फिलहाल उसके पास पर्याप्त संख्याबल नहीं है. राहुल गांधी भी चाहते हैं कांग्रेस के पास नेता प्रतिपक्ष का पद आने से वह लोकसभा में मोदी सरकार से प्रभावी ढंगे से मुकाबला कर सकेंगे.