PM नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में ऐसे पौधे का जिक्र किया, जिससे चमकेगा लद्दाख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में लद्दाख में पाई जाने वाली उस जड़ी-बूटी का जिक्र किया, जिससे लद्दाख वालों की जिंदगी बदलेगी.
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में लद्दाख में पाई जाने वाली उस जड़ी-बूटी का जिक्र किया, जिसे 'रामायण' में वर्णित संजीवनी माना जाता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि मिथकीय महाकाव्य 'रामायण' में राम के भाई लक्ष्मण को जीवनदान देनेवाली जड़ी-बूटी 'संजीवनी' की तलाश पूरी हो गई है. इस जड़ी-बूटी को स्थानीय लोग 'सोलो' कहते हैं.
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यह जड़ी-बूटी हिमालय पर इतनी ऊंचाई पर पाई जाती है, जहां जीवन को बनाए रखना ही अपने आप में एक चुनौती है. वहां पर यह जड़ी-बूटी मिलती है. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह एक चमत्कारी जड़ी-बूटी है, जो इम्युन सिस्टम को ठीक कर सकता है, और ऊंचाई के वातावरण में शरीर को ढलने में मदद करता है और इसका सबसे फायदेमंद गुण यह है कि रेडियो-एक्टिविटी से बचाव करता है. वैज्ञानिकों ने इस जड़ी-बूटी को 'रोडियोला' नाम दिया है.
रोडियोला ठंडे और ऊंचाई वाले जगह पर पाया जाता है. स्थानीय लोग रोडियोला को 'सोलो' कहते हैं और इसकी पत्तियों का सब्जियों में प्रयोग करते हैं. हालांकि, लेह स्थित डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ हाई एलटीट्यूड रिसर्च (डीआईएचएआर) के शोध से पता चलता है कि रोडियोला का इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज में किया जा सकता है. डीआईएचएआर के निदेशक आरबी श्रीवास्तव ने आईएएनएस को बताया, "रोडियोला एक आश्चर्यजनक पौधा है, जो रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाता है, कठिन जलवायु की स्थितियों में शरीर को अनुकूल बनाता है और रेडियो एक्टिविटी से बचाव करता है. इस पौधे में सीकोंडरी मेटाबोलाइट्स और फायटोएक्टिव तत्व पाएं जाते हैं, जो विशिष्ट तत्व हैं."
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श्रीवास्तव ने कहा कि यह जड़ी बूटी बम या बॉयोकेमिकल लड़ाई से पैदा हुए गामा रेडिएशन के प्रभाव को कम करता है. लेह स्थित डीआरडीओ की प्रयोगशाला दुनिया की सबसे ऊंची जगह पर स्थित कृषि-जानवर शोध प्रयोगशाला है. इस प्रयोगशाला में रोडियोला पर एक दशकों से शोध हो रहा है. उन्होंने आगे कहा, इस पौधे की एडेप्टोजेनिक क्षमता सैनिकों और कम दवाब और कम आक्सीजन वाले वातावरण में अनुकूल होने में मदद कर सकती है, साथ ही इस पौधे में अवसाद-रोधी और भूख बढ़ाने वाला गुण भी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की घोषणा करते हुए कहा, ये फैसला जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के साथ ही पूरे भारत की आर्थिक प्रगति में सहयोग करेगा. जब दुनिया के इस महत्वपूर्ण भूभाग में शांति और खुशहाली आएगी, तो स्वभाविक रूप से विश्व शांति के प्रयासों को मजबूती मिलेगी. उन्होंने आगे कहा, लेह लद्दाख ऐसी धरती है, जहां संजीवनी पाई जाती है. वे सोलो का ही उल्लेख संजीवनी के रूप में कर रहे थे.
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उन्होंने कहा, "अब लद्दाख के नौजवानों की इनोवेटिव स्पिरिट को बढ़ावा मिलेगा, उन्हें अच्छी शिक्षा के लिए बेहतर संस्थान मिलेंगे, वहां के लोगों को अच्छे अस्पताल मिलेंगे, इंफ्रास्ट्रक्चर का और तेजी से आधुनिकीकरण होगा. लद्दाख में स्पीरिचुअल टूरिज्म, एडवेंचर टूरिज्म और इकोटूरिज्म का सबसे बड़ा केंद्र बनने की क्षमता है. सोलर पावर जनरेशन का भी लद्दाख बहुत बड़ा केंद्र बन सकता है. अब वहां के सामथ्र्य का उचित इस्तेमाल होगा और बिना भेदभाव विकास के लिए नए अवसर बनेंगे."
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