पीएम नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को दी ईद बधाई
अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में एक नए युग की शुरुआत हुई है. पीएम मोदी ने कहा, एक राष्ट्र के तौर पर, एक परिवार के तौर पर, आपने, हमने, पूरे देश ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है.
highlights
- पीएम मोदी ने देश वासियों को दी ईद की बधाई
- J&K में 370 हटने के बाद देश को PM का संबोधन
- पिछली सरकारों ने जम्मू में नहीं लागू होने दिए कानून
नई दिल्ली:
पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र में ये बहुत स्वाभाविक है कि कुछ लोग इस फैसले के पक्ष में हैं और कुछ को इस पर मतभेद है. लेकिन मेरा उनसे आग्रह है कि वो देशहित को सर्वोपरि रखते हुए व्यवहार करें और जम्मू-कश्मीर-लद्दाख को नई दिशा देने में सरकार की मदद करें. ईद कुछ दिनों बाद है, इसलिए सभी को ईद की बहुत-बहुत शुभकामना. सरकार इस बात का ध्यान रख रही है कि जम्मू-कश्मीर में ईद मनाने में लोगों को कोई परेशानी न हो.जो भी जम्मू-कश्मीर के बाहर हैं और वो अपने घर जाना चाहते हैं, सरकार उनकी भी भरपूर मदद करेगी.
इसके पहले पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को लेकर ऐतिहासिक फैसले के बाद देश को संबोधित करते हुए कहा, अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में एक नए युग की शुरुआत हुई है. पीएम मोदी ने कहा, एक राष्ट्र के तौर पर, एक परिवार के तौर पर, आपने, हमने, पूरे देश ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है. एक ऐसी व्यवस्था, जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हमारे भाई-बहन अनेक अधिकारों से वंचित थे, जो उनके विकास में बड़ी बाधा थी, वो हम सबके प्रयासों से अब दूर हो गई है. जो सपना सरदार पटेल का था, बाबा साहेब अंबेडकर का था, डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी का था, अटल जी और करोड़ों देशभक्तों का था, वो अब पूरा हुआ है. अब देश के सभी नागरिकों के हक़ और दायित्व समान हैं.
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देश के अन्य राज्यों में दलितों पर अत्याचार रोकने के लिए सख्त कानून लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ऐसे कानून लागू नहीं होते थे. जो पहले की सरकारें कानून बनाकर वाहवाही लूटती थीं, वो भी ये दावा नहीं कर पाती थीं कि उनका कानून जम्मू कश्मीर में भी लागू होगा. उन कानूनों के लाभ से जम्मू कश्मीर के लोग वंचित रह जाते थे. शिक्षा के अधिकार के लाभ से जम्मू कश्मीर के बच्चे अब तक वंचित थे. देश के अन्य राज्यों में अल्पसंख्यकों के हितों के संरक्षण के लिए Minority Act लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ये लागू नहीं था. देश के अन्य राज्यों में श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए Minimum Wages Act लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ये सिर्फ कागजों पर ही था.
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