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International Women's Day: पीएम मोदी ने 'नारी शक्ति पुरस्कार' से सम्मानित महिलाओं से की मुलाकात

पीएम मोदी ने कहा कि मैं आपको आपके प्रयासों के लिए आपको बधाई देता हूं, इसके अलावा पीएम ने कहा कि इस वर्ष सरकार ने किसान उत्पादक संगठनों (FPO) के लिए एक बहुत बड़ा मिशन शुरू किया है, आपको इसका लाभ उठाना चाहिए.

Updated on: 08 Mar 2020, 05:50 PM

नई दिल्ली:

महिला दिवस (women's day) 2020 के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi) ने रविवार को 'नारी शक्ति पुरस्कार' से सम्मानित महिलाओं से मुलाकात कर उनकी उपलब्धियों, कामकाज और उनके अनुभवों के बारे में जानकारी ली. पीएम मोदी ने 'नारी शक्ति पुरस्कार' से सम्मानित भूदेवी से बातचीत की आपको बता दें कि भूदेवी ने आदिवासी क्षेत्रों में महिलाओं के लिए रोजगार देने का काम किया. पीएम मोदी ने भूदेवी से बातचीत करते हुए उन्हें उनकी इस सफलता के लिए बहुत-बहुत बधाई दी.

पीएम मोदी ने कहा कि मैं आपको आपके प्रयासों के लिए आपको बधाई देता हूं, इसके अलावा पीएम ने कहा कि इस वर्ष सरकार ने किसान उत्पादक संगठनों (FPO) के लिए एक बहुत बड़ा मिशन शुरू किया है, आपको इसका लाभ उठाना चाहिए. आपको बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर पीएम मोदी के सोशल मीडिया एकाउंट्स पर महिलाओं ने अपनी-अपनी कहानियां शेयर की हैं.

पहले जिन क्षेत्रों में पुरुषों का वर्चस्व था अब वहां भी महिलाएं जगह बनाने लगी है. 23 साल की कैब ड्राइवर आरती का कहना है, ज्यादातर लोगों की नजर में ड्राइविंग सिर्फ लड़के ही कर सकते हैं, लड़कियां नहीं कर सकतीं. फिर भी मेरे घरवालों ने मुझे सपोर्ट किया और घर से बाहर इस पेशे में भेजा.

पटना की संगीता ने अपनी प्रतिभा के दम पर मर्दों को पीछे छोड़ा 
वहीं, पटना की ऑटो ड्राइवर संगीता ने बताया कि वो चार साल से ऑटो चला रही हैं. वो तीन बच्चों की मां है. दूसरी महिलाएं भी उनसे प्रेरणा लेती हैं. इस काम को सीखना चाहती हैं. संगीता ने कहा कि पीएम मोदी ने महिला सशक्तिकरण के लिए बहुत से काम किए हैं. हमें ऑटो चलाने की ट्रेनिंग सरकार ने दी है. सरकार हमें प्रोत्साहित कर रही है. मेरा प्रधानमंत्री जी से निवेदन है कि अगर हम इस पेशे में आए हैं तो हमें सपोर्ट किया जाए.

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जिसे पेशे में महिलाओं के लिए नहीं थी जगह, अर्चना ने छीनी कुर्सी
वहीं हरियाणा के करनाल की बस ड्राइवर अर्चना अपनी कहानी बताते हुए कहती है कि वो पांच साल से बस चला रही हैं. समाज महिलाओं को इस पेशे में स्वीकार नहीं करता हैं. लेकिन वो इस पेशे में आई और खुश हैं कि लोग अब उनके पेशे को समझ रहे हैं. अर्चना और उनके साथी सरिता जो बस कंडक्टर हैं उन्हें महिला दिवस पर सीएम एमएल खट्टर द्वारा सम्मानित किया जाएगा.

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महिला कराटा खिलाड़ी ने भारत का नाम किया रोशन
कराटा में महारत हासिल की सयेडा फालाक ने बताया कि वो 13 साल की उम्र से कराटे खेलना शुरू कर दिया था. ट्रेनिंग के छह महीने बाद से ही सयेडा अंतरराष्ट्रीय पदक जीतने लगीं. वो 20 राष्ट्रीय और 22 अंतर्राष्ट्रीय चैंपियनशिप की विजेता हैं.