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2018 में विवाद पैदा करने वाला पासपोर्ट अधिकारी सीबीआई के शिकंजे में

तन्वी सेठ ने इससे जुड़ी घटना में श्रृंखलाबद्ध ट्वीट कर तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को टैग किया था.

Updated on: 05 Jan 2020, 09:57 PM

नई दिल्‍ली:

लखनऊ में क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में तैनात पासपोर्ट अधिकारी पर शनिवार को सीबीआई ने शिकंजा कसा. यह पासपोर्ट अधिकारी 2018 में अलग-अलग धर्मो को मानने वाले दंपति को पासपोर्ट देने से इनकार करने को लेकर सुर्खियों में आए थे. जब घटना हुई तो पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा लखनऊ में तैनात थे. दंपति ने लखनऊ के स्थानीय पासपोर्ट कार्यालय में उत्पीड़न किए जाने का आरोप लगाया था.

तन्वी सेठ ने इससे जुड़ी घटना में श्रृंखलाबद्ध ट्वीट कर तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को टैग किया था. उन्होंने आरोप लगाया कि एक मुस्लिम से विवाह करने को लेकर उनके साथ बुरा व्यवहार किया गया. उन्होंने शादी के 12 साल बाद भी अपना नहीं बदला था. उन्होंने दावा किया था कि पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा ने उनसे अभद्र ढंग से बात की. इससे पहले तन्वी व उनके पति मोहम्मद अनस सिद्दीकी का पासपोर्ट अधिकारी ने रोके रखा था. हालांकि, ट्वीट के वायरल होने के बाद पासपोर्ट विभाग कार्रवाई में जुट गया. तन्वी व उनके पति को पासपोर्ट जारी किया गया और मिश्रा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, जिन्हें बाद में दोषी पाया गया और वाराणसी ट्रांसफर कर दिया गया था. 

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पीड़िता ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा, 'मुझे आशा है कि भविष्य में फिर किसी के साथ ऐसा नहीं होगा. मेरे 11 साल के शादी-शुदा ज़िदगी में मुझे ऐसे हालात कभी नहीं झेलने पड़े थे. हालांकि बाद में अधिकारी ने माफ़ी मांगा और मुझे मेरा पासपोर्ट भी वापस मिल गया.' बाद में पीड़िता ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्वीटर पर इस बात की शिकायत करते हुए मदद की गुहार लगाई. पीड़िता ने लिखा, 'यह काफी अपमानजनक अनुभव था. अधिकारी काफी चिल्लाकर और हाथ दिखाकर पीटने वाली मुद्रा में बात कर रहे थे.' शिकायत के 12 घंटे बाद ही आरोपी अधिकारी का तबादला कर दिया गया है.

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इस बारे में विशेष जानकारी देते हुए क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी ने कहा, 'उनका पासपोर्ट जारी कर दिया गया है. इसके साथ ही आरोपी अधिकारी के ख़िलाफ़ एक्शन लेते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा गया है. जो कुछ भी हुआ उसके लिए हमें खेद है. मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि इस तरह की ग़लती भविष्य में दोबारा नहीं होगी.' वहीं आरोपी अधिकारी विकास मिश्रा ने अपने ऊपर लगे आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "हमने तन्वी सेठ से उनके निक़ाहनामे में ज़िक्र किया गया नाम 'शादिया अनस' के प्रमाण मांगे थे लेकिन उन्होंने मना कर दिया. हमें यह सुनिश्चित करना होता है कि कोई व्यक्ति पासपोर्ट पाने के लिए अपना नाम बदल कर तो नहीं बता रहा.'