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अभिनंदन को छोड़ने के लिए इसलिए मजबूर हो गए पाकिस्तान के पीएम इमरान खान

भारत-पाकिस्तान की बीच बढ़ रहे तनाव पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हैं. पाकिस्तान का 28 घंटे में बिना किसी शर्त के Abhinandan की रिहाई के लिए तैयार हो जाना भारत की कूटनीति जीत है.

Updated on: 02 Mar 2019, 07:06 PM

नई दिल्ली:

भारत-पाकिस्तान की बीच बढ़ रहे तनाव पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हैं. पाकिस्तान का 28 घंटे में बिना किसी शर्त के Abhinandan की रिहाई के लिए तैयार हो जाना भारत की कूटनीति जीत है. बता दें कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करना शुरू कर दिया था, जिससे विश्वभर में पाकिस्तान की जमकर किरकिरी हुई. इसके बाद भारत ने जब पाकिस्तान के बालाकोट में जैश के आतंकी ठिकानों को तबाह किया तो उसकी किसी देश ने निंदा नहीं की. इस दौरान Indian Air force का विंग कमांडर Abhinandan पाकिस्तान के चंगुल में फंस गया. इसके बाद भारत ने अभिनंदन की रिहाई के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहल शुरू कर दी. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से चार ने भारत का खुलकर समर्थन किया. सऊदी अरब भी जब समर्थन में नहीं आया तो पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने Abhinandan की रिहाई का फैसला किया.  (अभिनंदन पर पूरी और सबसे बड़ी कवरेज क्लिक कर देखें और पढ़ें)

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बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य हैं, जिनमें चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं. पुलवामा आतंकी हमले के बाद अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और फ्रांस भारत के साथ थे. सिर्फ चीन ने पुलवामा हमले की निंदा नहीं की थी. लेकिन भारत की कार्रवाई का समर्थन भी नहीं किया था. अमेरिका पाकिस्‍तान को बार-बार अपने यहां से आतंकवाद को खत्‍म करने की हिदायत देता रहा है. पुलवामा हमले के बाद अमेरिका ने यहां तक कहा दिया कि भारत को अपनी आत्मरक्षा के लिए कोई भी ठोस कदम उठा सकता है, लेकिन उन्होंने बालाकोट में हुई कार्रवाई को गलत नहीं कहा। गुरुवार को ही NSA अजीत डोभाल और अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो के बीच फोन पर बात हुई

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जब भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ रहा था, भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज उसी वक्त बीजिंग में चीन और रूस के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक करने पहुंचीं. सुषमा ने चीन से कहा कि पाकिस्तान जैश पर कार्रवाई नहीं कर रहा था, इसलिए भारत का आतंकी शिविर पर हवाई हमला जरूरी था. पुलवामा हमले के बाद सऊदी अरब के प्रिंस सलमान पाकिस्तान की यात्रा कर भारत आए थे. उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का साथ देने की बात की थी. इसके कुछ ही देर बाद सऊदी अरब ने कहा कि वह अपने विदेश मंत्री को एक संदेश के साथ इस्लामाबाद भेज रहा है. बताया जा रहा है कि इसी के बाद पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने संसद में घोषणा की कि भारतीय पायलट को रिहा किया जाएगा.

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इन देशों ने भी भारत का किया समर्थन
जर्मनी, हंगरी, इटली, कनाडा, इजराइल, आस्‍ट्रेलिया, जापान, दक्षिण कोरिया, स्‍वीडन, स्‍लोवाकिया, फ्रांस, स्‍पेन, भूटान

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पाकिस्तान को मिला सिर्फ IOC का साथ
जहां तक यूरोपियन यूनियन की बात है तो पुलवामा हमले की उन्‍होंने कड़ी निंदा की है. हालांकि, ईयू ने साफ कर दिया है कि वह किसी भी विवादित मुद्दे को बातचीत के जरिए ही सुलझाने का पक्षधर है. पुलवामा के बाद ईयू उपाध्‍यक्ष फैडरिका मोघेरिनी ने दोनों से तनाव दूर करने और संयंम बरतने की अपील की थी. जहां तक ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्‍लामिक कार्पोरेशन (ओआईसी) की बात है तो आपको बता दें कि इसके करीब 57 सदस्‍य हैं. पुलवामा के बाद भारत ने जो कार्रवाई बालाकोट में की थी उसके बाद इस संगठन ने भारत के खिलाफ प्रस्‍ताव पारित कर कार्रवाई को गलत बताया था. ओआईसी के अलावा फिलहाल पाकिस्‍तान का साथ और कोई देश नहीं दे रहा है.