logo-image

पाकिस्‍तान और चीन का होश ठिकाने लाएगा 'आकाश', दोनों सीमाओं पर तैनात होंगे दो रेजिमेंट

15,000 फीट से ज्यादा ऊंचाई वाले इलाकों में आकाश मिसाइल सिस्टम की दो रेजीमेंट की तैनाती होगी. आकाश मिसाइल को लद्दाख में तैनात करने की योजना है, जहां से पाकिस्तान और चीन दोनों की सीमाओं पर नजर रखी जा सकेगी.

Updated on: 22 Oct 2019, 11:58 AM

नई दिल्‍ली:

पाकिस्‍तान और चीन की ओर से हवाई घुसपैठ रोकने के लिए भारत दोनों सीमाओं पर आकाश मिसाइल की तैनाती करने जा रहा है. सेना के 10,000 करोड़ रुपये के इस प्रस्‍ताव पर रक्षा मंत्रालय चर्चा करने वाला है. इस रकम से 15,000 फीट से ज्यादा ऊंचाई वाले इलाकों में आकाश मिसाइल सिस्टम की दो रेजीमेंट की तैनाती होगी. आकाश मिसाइल को लद्दाख में तैनात करने की योजना है, जहां से पाकिस्तान और चीन दोनों की सीमाओं पर नजर रखी जा सकेगी.

यह भी पढ़ें : कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को INX Media Case में जमानत मिली पर रिहा नहीं होंगे

रक्षा सूत्रों के अनुसार, "रक्षा मंत्रालय सेना के करीब 10,000 करोड़ रु के प्रस्ताव को मंजूरी देने जा रहा है. इससे आकाश प्राइम की दो रेजिमेंट बनाई जाएंगी. यह सेना के पास पहले से मौजूद आकाश मिसाइल सिस्टम का उन्नत संस्करण है." रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और थल सेनाध्यक्ष जनरल विपिन रावत के लद्दाख से लौटने के बाद बुलाई गई बैठक में इस पर चर्चा होगी.

आकाश मिसाइल की खासियत

  • वजन : 700 किलोग्राम
  • जमीन से हवा में मार कर सकने में सक्षम
  • गति 2.5 मैक
  • 25 किलोमीटर के रेंज में किसी भी उड़ती चीज को भेदने में सक्षम
  • इस मिसाइल को भारत का पैट्रियॉट भी कहा जाता है

यह भी पढ़ें : हवा से बात करने आ रहा रफ्तार का नया बादशाह, स्पीड जानकर आ जाएगा चक्कर

रक्षा अनुसंधान एवं विकास परिषद (डीआरडीओ) ने आकाश मिसाइल प्रणाली को तैयार किया है. सेना के पास इसकी दो रेजीमेंट पहले से है. अब सेना नई आकाश प्राइम की दो और रेजीमेंट शामिल करना चाहती है. सेना के लिए प्रस्तावित दोनों रेजीमेंट के लिए उपकरण सप्लाई करने का ठेका विदेशी फर्मों को दिया जाना है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत आकाश मिसाइल को तरजीह देने की बात कही है. इसके बाद, सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की ओर से वायुसेना की सात स्क्वाड्रन के लिए सतह से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल सिस्टम खरीदने को मंजूरी मिली थी.