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CBI वाले केस में पी चिदंबरम को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका

पी चिदंबरम की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्‍ठ वकील कपिल सिब्‍बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने यह तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन होने के चलते सीबीआई को गिरफ्तारी नहीं करनी चाहिए थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी दलीलों को नहीं माना

Updated on: 26 Aug 2019, 12:24 PM

नई दिल्ली:

सीबीआई वाले केस में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने पी चिदंबरम की याचिका को निष्‍प्रभावी मान लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने माना कि CBI द्वारा पी चिदंबरम की गिरफ्तारी के बाद उनकी याचिका निष्प्रभावी हो गई है. हालांकि पी चिदंबरम की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्‍ठ वकील कपिल सिब्‍बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने यह तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन होने के चलते सीबीआई को गिरफ्तारी नहीं करनी चाहिए थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी दलीलों को नहीं माना और याचिका खारिज कर दी. 

HC द्वारा पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका रद्द किए जाने के फैसले के खिलाफ दायर अर्जियों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई करते जस्टिस भानुमति ने कहा, SC की संविधान पीठ का फैसला है कि एक बार गिरफ्तारी के बाद अग्रिम ज़मानत की अर्जी निष्प्रभावी हो जाती है. इस पर पी चिदंबरम की ओर से केस की पैरवी कर रहे कपिल सिब्बल ने कोर्ट को आश्वस्त करने की कोशिश करते हुए कहा, CBI वाले मामले में अब भी सुनवाई हो सकती है. इसके लिए उन्‍होंने आर्टिकल 21 का हवाला दिया.

कपिल सिब्‍बल ने कहा, अगर सुप्रीम कोर्ट में ये मामला सुनवाई के लिए पहले लिस्ट नहीं हो सका, तो इसमें हमारी ग़लती नहीं है. हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ उसी दिन हमने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, कोर्ट ने उस दिन नहीं सुना. गुरुवार को भी हमारा मामला सुनवाई के लिए नहीं आ सका. इस पर जस्टिस भानुमति ने कहा, निचली अदालत द्वारा CBI रिमांड पर भेजे जाने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका के लिस्ट होने का इतंज़ार कर रहे हैं.

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, जब मामला SC में पेंडिंग है तो सीबीआई को चिंदबरम को गिरफ्तार नहीं करना चाहिए था. जब मामला 23 अगस्त को SC में सुनवाई के लिए लग गया था तो 21 अगस्त को गिरफ्तार क्यों किया गया.