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दिल्ली ही नहीं, इन राज्यों में भी नहीं मिल रहा आयुष्मान योजना का लाभ, सरकार ने संसद में दी जानकारी

कम आय वर्ग के मरीजों को सस्ती और बेहतर चिकित्सा सुविधायें मुहैया कराने के उद्देश्य से शुरू की गई केन्द्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिल्ली, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना के गरीब मरीजों को नहीं मिल पा रहा है.

Updated on: 04 Feb 2020, 03:56 PM

नई दिल्ली:

कम आय वर्ग के मरीजों को सस्ती और बेहतर चिकित्सा सुविधायें मुहैया कराने के उद्देश्य से शुरू की गई केन्द्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिल्ली, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना के गरीब मरीजों को नहीं मिल पा रहा है. केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. हर्षवर्धन ने मंगलवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल में एक सवाल के जवाब में बताया, ‘‘जो चार राज्य इस योजना के हिस्सा नहीं बने हैं उनमें दिल्ली, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना शामिल हैं. मैंने इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों और स्वास्थ्य मंत्रियों से बात करके इस योजना में शामिल होने का बार बार अनुरोध किया है.’’

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उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली के गरीब लोगों के लिये यह दुर्भाग्य की बात है. दिल्ली सहित इन चारों राज्यों के लाखों गरीब लोग इस योजना के लाभ से वंचित हैं. हमारी इन चार राज्य सरकारों से अपील है कि वे व्यापक जनहित में इस योजना का हिस्सा बनें.’’ इस योजना को नहीं अपनाने वाले राज्यों में स्थानीय निकायों के माध्यम से आयुष्मान योजना का लाभ गरीबों तक पहुंचाने के विकल्प को अपनाने से जुड़े एक पूरक प्रश्न के जवाब में डा. हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘मौजूदा व्यवस्था में आयुष्मान योजना को सभी राज्यों में राज्य सरकारों के माध्यम से ही लागू करने का प्रावधान है.

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राज्य सरकार को दरकिनार कर नगर निगमों के द्वारा इस योजना को किसी राज्य में लागू करने जैसे विकल्प फिलहाल विचाराधीन नहीं है. इस तरह के विकल्प अपनाने की संभावनाओं के बारे में हम जरूर पता कर सकते हैं कि क्या यह तकनीकी तौर पर संभव है या नहीं.’’ उन्होंने बताया कि इस योजना का हिस्सा नहीं बनने वाले चारों राज्यों में संभावित पात्र लाभार्थियों की संख्या कुल लाभार्थियों का 20 प्रतिशत है. दो बड़े राज्य पंजाब और राजस्थान ने इस योजना को 2019 के अंत में स्वीकार किया.

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केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने स्पष्ट किया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ देने वाली प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के शुरु होने के बाद पिछले 16 महीनों के दौरान बीमा की औसत वार्षिक प्रीमियम राशि 800 रुपये प्रति परिवार है. योजना के शुरु होने के समय प्रीमियम राशि 1052 रुपये होने का अनुमान लगाया गया था. डा. हर्षवर्धन ने बताया कि इस योजना में अनियमितताओं पर निगरानी के लिये आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस सहित अन्य सभी तकनीकों की मदद ली जा रही है जिससे योजना का लाभ संभावित लाभार्थियों को मिले.

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उन्होंने बताया कि 2011 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर आयुष्मान योजना में 10.74 करोड़ परिवारों को संभावित लाभार्थी के रूप में चिन्हित किया है. इस योजना में संभावित लाभार्थियों की संख्या के अनुपात में ही राज्यों को वित्तीय कोष आवंटित किया गया है. योजना के तहत अब तक 80 लाख से ज्यादा मरीज लाभ उठा चुके हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इस योजना में अब तक लगभग 12.21 करोड़ लाभार्थियों के हेल्थ कार्ड बनाए जा चुके हैं. सभी संभावित लाभार्थियों को योजना के दायरे में लाने के हरसंभव उपाय किये जा रहे हैं.