निर्भया केसः फांसी से बचने का एक और पैंतरा, अब दोषी अक्षय ने राष्ट्रपति को भेजी दया याचिका
निर्भया गैंग रेप मामले में दोषी बचने के लिए हर पैंतरा आजमा रहे हैं. दोषी विनय की दया याचिका खािरज होने के बाद अब दोषी अक्षय ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी है.
नई दिल्ली:
निर्भया गैंग रेप मामले में दोषी बचने के लिए हर पैंतरा आजमा रहे हैं. दोषी विनय की दया याचिका खािरज होने के बाद अब दोषी अक्षय ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी है. निर्भया मामले में दो दोषियों पवन और विनय की याचिका राष्ट्रपति अब तक खारिज कर चुके हैं जबकि मुकेश अपनी दया याचिका पहले ही वापस ले चुका है. अब इस मामले में अंतिम दोषी अक्षय के पास ही दया याचिका दाखिल करने का कानूनी अधिकार बचा है.
2012 Nirbhaya case convict Akshay Thakur has now filed a mercy petition before the President of India pic.twitter.com/mKtyqlGU51
— ANI (@ANI) February 1, 2020
शनिवार को दोषी अक्षय ने अपनी दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेज दी. दरअसल निर्भया गैंग रेप केस के दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए एक फरवरी का डेथ वारंट जारी किया गया था. तिहाड़ जेल प्रशासन इसके लिए कई दिनों से तैयारी कर रहा था. 30 जनवरी को मेरठ के पवन जल्लाद तिहाड़ जेल पहुंचा. पवन ने तिहाड़ में फांसी के लिए किए गए इंतजामों का जायजा लिया.
यह भी पढ़ेंः निर्भया केसः फिर टली दोषियों की फांसी, अगले आदेश तक पटियाला हाउस कोर्ट ने लगाई रोक
दूसरी तरफ शुक्रवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में दोषियों के वकील एपी सिंह ने याचिका दाखिल कर डेथ वारंट रद्द करने की मांग की. एपी सिंह ने अपनी याचिका में दोषी विनय की राष्ट्रपति के पास दया याचिका लंबित होने का हवाला दिया. कोर्ट ने इस मामले में अगले आदेश तक डेथ वारंट रद्द कर दिया है.
यह भी पढ़ेंः फांसी टालने में अब नहीं चलेंगे हथकंडे, सुप्रीम कोर्ट तय करेगा दिशा निर्देश
फांसी की सजा के लिए बनें नए दिशा निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस मामले की सुनवाई पर भी सहमति देती जिसमें केंद्र ने दोषियों पर मामले को लटकाने का आरोप लगाया था. निर्भया गैंग रेप केस के दोषियों की ओर से लगातार फांसी की सजा टालने के लिए कोर्ट की रुख करने के बाद शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट इस बात पर सहमत हो गया है कि इस मामले में नए दिशा निर्देश तय किए जाएं. सुप्रीम कोर्ट फांसी की सज़ा के मामलों में पीड़ित और समाज के हित को ध्यान में रखते हुए दिशा निर्देश बनाये जाने की केंद्र सरकार की मांग पर भी सहमत हो गया है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की याचिका पर नोटिस जारी किया है. सुनवाई के दौरान सरकार का कहना है कि 2014 में शत्रुघ्न चौहान केस में दिए SC के दिशा निर्देश दोषियों के लिए फांसी टलवाने के लिए हथकंडा बन गया है.
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