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NIA के निशाने पर आया आतंकी अंसारुल्ला गुट, हुती विद्रोहियों समेत अलकायदा-आईएस से संबंध

अंसारुल्ला गुट बड़े पैमाने पर देश भर में 'लोन वोल्फ' शैली में आतंकी हमले का भयानक षड्यंत्र रच रहा है. इस गुट को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यमन के हूती विद्रोहियों, अल कायदा और आईएसआईएस तो स्थानीय स्तर पर सिमी का समर्थन प्राप्त है.

Updated on: 20 Jul 2019, 03:17 PM

highlights

  • अंसारुल्ला गुट 'लोन वोल्फ' आतंक शैली में बड़े पैमाने पर देश में करने वाला था हमले.
  • हूती विद्रोहियों समेत अल कायदा, आईएसआईएस और सिमी का भी समर्थन इसे है प्राप्त.
  • बांग्लादेश और श्रीलंका में सक्रिय आतंकी संगठनों तक भी है पहुंच.

नई दिल्ली.:

भारत को बड़े पैमाने पर दहलाने की साजिश कर रहे अंसारुल्ला आतंकी गुट के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शनिवार को ताबड़तोड़ छापेमारी की है. चेन्नई, मदुरै, तिरुनेलवेली और रामनाथपुरम में एक साथ छापेमारी की गई है. एनआईए को खुफिया इनपुट मिली थी कि अंसारुल्ला गुट बड़े पैमाने पर देश भर में 'लोन वोल्फ' शैली में आतंकी हमले का भयानक षड्यंत्र रच रहा है. इस गुट को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यमन के हूती विद्रोहियों, अल कायदा और आईएसआईएस तो स्थानीय स्तर पर सिमी का समर्थन प्राप्त है. अंसारुल्ला गुट के सदस्य भारत को अस्थिर कर शरीय कानून लागू करने का कुत्सित ख्वाब देख रहे हैं.

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क्या है 'लोन वोल्फ' आतंक शैली
गौरतलब है कि 'लोन वोल्फ' आतंक शैली अलकायदा की देन है. इस शैली में अलकायदा की विचारधारा से प्रभावित कोई भी व्यक्ति गोली-बम के न मिलने पर आसानी से उपलब्ध किसी भी हथियार मसलन चाकू, तलवार, कार-ट्रक यहां तक कि जहर देकर कहीं भी लोगों की हत्या कर सकता है. यूरोप में हुए 'लोन वोल्फ' आतंकी हमलों में भी यही छाप देखने को मिलती है. अंसारुल्ला संगठन धन इक्ट्ठा कर इसी शैली में बड़े पैमाने पर देश में आतंकी हमले की योजना बना रहा था. इस लिहाज से देखें तो एनआईए की यह एक बड़ी सफलता है.

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यमन में सक्रिय हैं हूती विद्रोही
अरबी भाषा में अंसारुल्ला का मतलब होता है 'अल्‍लाह के समर्थक'. इनका संबंध अलकायदा, आईएसआईएस के साथ-साथ यमन के हूती विद्रोहियों से भी है. हूती विद्रोही जैदी मुसलमान होते हैं. इनके सदस्यों में बड़ी संख्या यमनी मुसलमानों की है. हूती विद्रोही गुट 2015 में यमन के पहले राष्ट्रपति अली अब्दुल्लाह सालेह का हिंसक विरोध कर चर्चा में आया था. सालेह और उनके अनुयायियों के साथ ही हूती विद्रोही सऊदी अरब और अमेरिका का भी विरोध करते हैं. एफबीआई के एक इनपुट के मुताबिक हूती विद्रोहियों की पहुंच उन्नत किस्म के रॉकेट तक हो गई है. इसके जरिये ये दुनिया के किसी भी कोने में बड़ी आतंकी घटना को अंजाम दे सकते हैं.

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बांग्लादेश-श्रीलंका से जुड़ते तार
एनआईए से जुड़े सूत्रों का मानना है कि अंसारुल्‍ला गुट का भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश और श्रीलंका के आतंकवादियों से भी संबंध हो सकता है. बांग्लादेश में अंसारुल्ला बांग्ला टीम के नाम से सक्रिय आतंकी संगठन ने बीते समय में कई धमाके और आतंकी घटनाओं को अंजाम देकर काफी दहशत फैलाई है. बांग्लादेश के अंसारुल्ला गुट ने अपने संगठन में हाई टेक और पढ़े-लिखे लोगों को भर्ती कर जिहादी मानसिकता फैलाने में सफलता हासिल कर ली थी. पूर्व सरकार की लचर नीतियों के चलते अंसारुल्ला बांग्ला टीम ने तेजी से पैर पसारे. हालांकि वर्तमान सरकार की आतंक विरोधी नीति के चलते यह गुट फिलहाल बैकफुट पर है, लेकिन बड़े आतंकी हमले की सोच रहा है.

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देश पर मंडरा रहा बड़ा खतरा फिलहाल टला
इसी तरह श्रीलंका में ईस्टर पर श्रंखलाबद्ध फिदायीन आतंकी हमले हुए थे. खुफिया इनपुट इस आतंकी हमलों में शामिल लोगों के तार अंसारुल्ला गुट से जोड़ता है. हालांकि अभी इस संबंध की पुष्टि नहीं की जा सकी है. और तो और अंसारुल्ला के भारत में प्रतिबंधित संगठन सिमी से भी तार जुड़े होने का शक है. अगर यह बात सच है तो देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़े खतरे की बात है, क्योंकि सिमी के स्लीपर सेल देश भर में हैं. हालांकि राहत की बात यही है कि एनआईए ने समय रहते अंसारुल्ला गुट का नेटवर्क तोड़ने में कामयाबी हासिल कर ली है. गौरतलब है कि एनआईए ने शनिवार की छापेमारी सऊदी अरब से लाए गए 14 संदिग्ध आतंकियों की निशानदेही पर की है.