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NIA ने कहा, बिहार पुलिस के तथ्यों में दम, रेल हादसे में हो सकता है ISI का हाथ

हाल ही में हुई रेल दुर्घटनाओं की जांच कर रहे एनआईए माना है कि इन दुर्घटनाओं में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है।

Updated on: 27 Jan 2017, 12:46 PM

नई दिल्ली:

हाल ही में हुई रेल दुर्घटनाओं की जांच कर रहे एनआईए माना है कि इन दुर्घटनाओं में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है।

मोतीहारी में पटरियों को उड़ाने की कोशिश, इंदौर-पटना एक्सप्रेस के पटरी से उतरने और पिछले हफ्ते आंध्र प्रदेश के कुनेरु रेल दुर्घटना मामले की जांच कर रही एनआइए ने बिहार पुलिस की जांच को सही ठहराया है।

एजेंसी के अनुसार बिहार पुलिस को जांच के दौरन इन हादसों में आइएसआइ के शामिल होने की जानकारी को सही ठहराया है।

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गृह मंत्रालय ने 26 जनवरी को इन रेल दुर्घटनाओं की जांच एनआईए को सौंपी थी।

NIA सूत्रों का कहना है कि इन हादसे के पीछे आईएसआई का हाथ होने की बात बिहार के पूर्वी चंपारण से पकड़े गए तीन लोगों से मिली है। बिहार पुलिस ने मोती पासवान, उमाशंकर पटेल तथा मुकेश यादव से पूछताछ के दौरान ये जानकारी पुलिस को मिली थी।

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इन तीनों ने पुलिस को बताया था उन्हें घोड़ासहन रेलवे स्टेशन के नजदीक ट्रैक पर आइईडी लगाने के लिए आईएसआई की ओर से उन्हें तीन लाख रुपये दिए गए थे। हालांकि विस्फोट के पहले ही लगाए गए विस्फोटकों को बरामद कर लिया गया था।

गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया, "बिहार पुलिस और खुफिया सूत्रों से जा जानकारी मिली है उससे इसमें संदेह नहीं है कि इन हमलों में आईएसआई का हाथ है। गिरफ्तार किये गए अपराधियों, नेपाली बृज किशोर गिरी, दुबई के मास्टरमाइंड शमशुल हुदा और कराची के संदिग्ध आइएसआइ एजेंट शफी शेख के बीच बातचीत का ब्यौरा देने वाले टेक्निकल सबूत भी बरामद हुए हैं।"

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NIA अपने जांच के दौरान शमसुल हुदा और आइएसआइ से जुड़े कराची के शफी शेख को हिरासत में लेने की योजना भी बनायी है।

रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह को चिट्ठी लिखकर रेल हादजसों की जांच एनएईए को देने का अनुरोध किया था। जिसके बाद हादसों की जांच एनआईए को दी गई है।