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संसद के छोटे सत्र को लेकर विपक्ष के सवाल पर OM Birla ने कहा, सभी दलों की सहमति से हुआ फैसला

संसद के शीतकालीन सत्र की छोटी अवधि को लेकर राजनीतिक विवाद गरमा गया है. कांग्रेस ने इसको लेकर सवाल उठाया तो जवाब देते हुए लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदन की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में कामकाज को लेकर फैसला होता है जिसमें सभी दलों के नेता शामिल होते हैं.

Updated on: 23 Dec 2022, 03:32 PM

नई दिल्ली:

संसद के शीतकालीन सत्र की छोटी अवधि को लेकर राजनीतिक विवाद गरमा गया है. कांग्रेस ने इसको लेकर सवाल उठाया तो जवाब देते हुए लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदन की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में कामकाज को लेकर फैसला होता है जिसमें सभी दलों के नेता शामिल होते हैं. इसके साथ ही बिरला ने यह भी कहा कि बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में सभी दलों की सहमति से ही सत्र के जल्दी समापन का फैसला किया गया.

दरअसल, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सत्र के छोटा होने पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उनकी सरकार के कार्यकाल के दौरान संसद का शीतकालीन सत्र आमतौर पर 15 नवंबर के आसपास शुरू हो जाया करता था और यह 5-6 सप्ताह का सत्र हुआ करता था लेकिन संसद का वर्तमान सत्र जानबूझकर देर से शुरू किया गया.

थरूर ने आगे कहा कि दिसंबर का एक सप्ताह बीत जाने के बाद सत्र शुरू किया गया. उन्होंने सत्र के दौरान बेरोजगारी, महंगाई, चीन सीमा के हालात और भारत की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मसलों पर भी चर्चा नहीं कराने का आरोप लगाया. विपक्ष के आरोपों को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सदन में कामकाज के मुद्दों और चर्चा के समय को लेकर फैसला सदन की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में लिया जाता है जिसमें सभी दलों के नेता शामिल होते हैं.

सत्र के समय से पहले समापन को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए लोक सभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में सभी दलों की सहमति से ही सत्र के जल्दी समापन का फैसला किया गया.

सत्र के दौरान महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जानकारी देते हुए बिरला ने बताया कि उनका यह प्रयास रहा है कि सदन में सभी दलों के नेताओं को पर्याप्त समय और अवसर मिले.