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जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान का साथ देना पड़ा मलेशिया को भारी, मोदी सरकार ने दिया बड़ा झटका

मोदी सरकार ने मलेशिया से पाम ऑयल के आयात में कटौती कर दी थी. इसका असर अब सामने आने लगा है और मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने भारत को मनाने के लिए कूटनीतिक चैनल की राह पकड़ ली है.

Updated on: 19 Jan 2020, 11:55 AM

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान का साथ संयुक्त राष्ट्र में गिने-चुने देशों ने ही दिया था. इनमें से एक था मलेशिया, जिसने भारत के खिलाफ उकसावेपूर्ण बयान दिया था. इसके बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ-साथ मलेशिया के खिलाफ अपनी कूटनीतिक पेशबंदी तेज कर दी थी. इस पेशबंदी के तहत मोदी सरकार ने मलेशिया से पाम ऑयल के आयात में कटौती कर दी थी. इसका असर अब सामने आने लगा है और मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने भारत को मनाने के लिए कूटनीतिक चैनल की राह पकड़ ली है. पाम ऑयल के आयात में कटौती से मलेशिया की अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगा है.

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पाम ऑयल की कीमतों में 11 सालों की सबसे बड़ी गिरावट
गौरतलब है कि मलेशिया दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा पाम ऑयल उत्पादक देश है. ऐसे में भारत की ओर से आयात में कटौती उसे भारी पड़ने लगी है. मलेशिया को कारोबार में झटका लगता दिखा है. पाम ऑयल की बेंचमार्क कीमतों में बीते 11 सालों की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. अर्थव्यवस्था को झटका लगते देख मलेशियाई प्रधानमंत्री के तेवर भी कुछ नरम पड़े हैं. अब उन्होंने पीएम मोदी की कूटनीतिक-आर्थिक पेशबंदी के आगे हथियार डालते हुए बातचीत की इच्छा जताई है.

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दावोस में होगा भारत को मनाने का प्रयास
इसके तहत अगले सप्ताह दावोस में होने वाली वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की मीटिंग से इतर मलेशियाई वाणिज्य मंत्री डारेल लेइकिंग भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात करेंगे. इस मीटिंग का कोई एजेंडा तय नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि संबंधों में सहजता के लिहाज से यह बैठक अहम होगी. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक मलेशिया पाम ऑयल पर भारत के साथ विवाद को बढ़ाना नहीं चाहता. वह भारत के साथ कूटनीतिक स्तर पर बातचीत से ही मसला हल करना चाहता है.
मोदी सरकार ने मलेशिया से पाम ऑयल के आयात में कटौती कर दी थी.
कटौती से मलेशिया की अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगा है.
पाम ऑयल की बेंचमार्क कीमतों में बीते 11 सालों की सबसे बड़ी गिरावट.