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महाराष्ट्र के घटनाक्रम से जांच एजेंसियों का कोई लेना-देना नहीं, शिवसेना पर बीजेपी का हमला

अजित पवार को 'ब्लैकमेल' करने का संजय राउत की ओर से लगाए आरोपों पर गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा, जो जांच एजेंसियां हैं, उनका इस राजनीतिक व्यवस्था से कोई संबंध नहीं है.

Updated on: 24 Nov 2019, 07:16 AM

highlights

  • शिवसेना के ब्लैकमेलिंग वाले आरोप पर बीजेपी बैकफुट पर.
  • बयान जारी कर कहा एनसीपी नेताओं की जांच से लेना-देना नहीं.
  • साथ ही शिवसेना पर लगाया जनादेश के अपमान का आरोप.

Mumbai:

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा है कि महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेताओं के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों की चल रही जांच का मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम से कोई लेना-देना नहीं है. कोर्ट और जांच एजेंसियां संबंधित मामलों में अपने स्तर से कार्रवाई करतीं रहेंगी. गोपाल अग्रवाल ने कहा, "हम इस बात को जनता के सामने ले जाना चाहते हैं कि शिवसेना ने महाराष्ट्र की जनता को धोखा दिया।"

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संजय राउत ने लगाया था ब्लैकमेलिंग का आरोप
अजित पवार को 'ब्लैकमेल' करने का संजय राउत की ओर से लगाए आरोपों पर गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा, "देखिए, जो जांच एजेंसियां हैं, उनका इस राजनीतिक व्यवस्था से कोई संबंध नहीं है. जो इनवेस्टिगेशन है तो वह चलती रहेगी. अगर किसी मामले में कोई भी दोषी सामने आता है तो कोर्ट और एजेंसियां कार्रवाई करेंगी." उन्होंने कहा कि राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में महाराष्ट्र की जनता और विकास के लिए भाजपा की सरकार बननी आवश्यक थी. राकांपा-शिवसेना और महाराष्ट्र का जो 'अनहोली अलायंस' था, वह सरकार बनाने में सफल नहीं हो रहा था. ऐसे में भाजपा के पास इस तरह सरकार बनाने का एकमात्र रास्ता बचा था."

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शिवसेना ने किया जनादेश का अपमान
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि जनादेश भाजपा-शिवसेना गठबंधन को मिला था। चुनाव के बाद शिवसेना ने धोखा दिया. राज्य में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी थी। मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फडणवीस को जनादेश मिला था. 120 विधायकों का भाजपा को समर्थन हासिल रहा. राज्यपाल ने तीनों दलों को समय दिया, मगर वे 20 दिन तक चर्चा करते रहे. ऐसे में जब अजित पवार ने भाजपा को समर्थन दिया तो सरकार बनाने का यही एक विकल्प था.