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लालू यादव का विरोधियों को जवाब- वह मुर्दा समझ रहे हैं, उन्हें कहो मैं मरा नहीं हूं

लालू प्रसाद यादव ने इशारों ही इशारों में उन लोगों को 'सचेत' किया, जो लगातार उनकी आलोचना कर रहे हैं. लालू ने कहा कि जो लोग मुझको मुर्दा समझ रहे हैं, उन्हें कहो कि अभी वे मरे नहीं हैं.

Updated on: 21 Jan 2019, 04:14 PM

रांची:

बिहार के चर्चित चारा घोटाले के कई मामले में सजा काट रहे पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने सोमवार को बिना किसी का नाम लिए इशारों ही इशारों में उन लोगों को 'सचेत' किया, जो लगातार उनकी आलोचना कर रहे हैं. लालू ने कहा कि जो लोग मुझको मुर्दा समझ रहे हैं, उन्हें कहो कि अभी वे मरे नहीं हैं.

लालू यादव ने खुद से जुड़े खबर के लिंक को शेयर करते हुए अपने ट्विटर हैंडल से शायराना अंदाज में टवीट कर लिखा, 'अभी गनीमत है सब्र मेरा, अभी लबालब भरा नहीं हूं, वह मुझको मुर्दा समझ रहा है, उसे कहो मैं मरा नहीं हूं.'

उल्लेखनीय है कि चारा घोटाले के कई मामले में लालू झारखंड की एक जेल में सजा काट रहे हैं. फिलहाल अपनी बीमारी को लेकर वे रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती हैं.

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पिछले साल लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले के चार मामलों में दोषी करार दिया गया था. उन्हें 23 मार्च को रांची में सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) की विशेष अदालत ने 14 साल के कारावास की सजा सुनाई थी. मामले में 1996 में 72 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

बिहार में राजद नीत महागठबंधन के नेता लोकसभा में सीट बंटवारे को लेकर लगातार लालू से मिलने वहां पहुंच रहे हैं. कहा जा रहा है कि बिना लालू की हरी झंडी के महागठबंधन में सीट बंटवारा आसान नहीं है.

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गौरतलब है कि लालू ट्विटर के माध्यम से विरोधियों पर निशाना साधते रहे हैं. लालू यादव 1990 के दशक में जब बिहार के मुख्यमंत्री थे, उस समय करोड़ों रुपये का चारा घोटाला सुर्खियों में रहा. पटना उच्च न्यायालय के निर्देश पर मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी.