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जामिया यूनिवर्सिटी में पुलिस पर जबरन घुसने का आरोप, कानून इस पर क्या कहता है

पुलिस को इन्हें काबू करने में काफी मशक्त करनी पड़ी. पुलिस की मानें तो छात्रों को काबू में करने के लिए यूनिवर्सिटी के कैंपस में घुसना पड़ा. इसपर कानून क्या कहा है आइए जानते हैं.

Updated on: 16 Dec 2019, 05:45 PM

नई दिल्ली:

नागरिकता संशोधन कानून का विरोध देश के अधिकतर हिस्से में हो रहा है. दिल्ली के जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों ने रविवार को प्रदर्शन किया जो बाद में हिंसा का रूप ले लिया. पुलिस को इन्हें काबू करने में काफी मशक्त करनी पड़ी. पुलिस की मानें तो छात्रों को काबू में करने के लिए यूनिवर्सिटी के कैंपस में घुसना पड़ा. आरोप है कि पुलिस ने वहां छात्रों पर लाठियां चलाई. पढ़ रहे छात्रों को पीटा.

जामिया के छात्र पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. यहां तक की जामिया यूनिवर्सिटी के कुलपति नजमा अख्तर ने भी पुलिस पर कई आरोप लगाए हैं. वीसी ने कहा कि कल कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. पुलिस बिना इजाजत के कैंपस में घुसकर छात्रों को पीटा है. उन्होंने कहा कि पुलिस ने यूनिवर्सिटी की संपत्ति को नुकसान पहुंचाई है. वो इसके खिलाफ एफआईआर करेंगी.

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सवाल यह है कि क्या पुलिस के पास ये अधिकार है कि वो कुलपति के परमिशन के बिना यूनिवर्सिटी में दाखिल हो सकती है. इससे लेकर कानून क्या कहता है, आइए जानते हैं.

पुलिस बिना कुलपति के अनुमति के यूनिवर्सिटी कैंपस में दाखिल हो सकती है. सीआरपीसी की धारा 41 तथा अन्य धाराओं के तहत पुलिस को अधिकार प्राप्त है कि वो किसी भी स्थान में प्रवेश कर कार्रवाई कर सकती है.

लेकिन पुलिस को किसी भी निर्दोष व्यक्तियों पर हिंसा और उसको गिरफ्तार करने का अधिकार नहीं है.

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कानून में पुलिस को बिना इजाजत कही भी जाने की छूट है इसके बावजूद शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए शिक्षण संस्थानों में प्रबंधन से अनुमति लेकर या फिर सूचना देकर प्रवेश करने की मान्यता है.

साल 2016 में भी पुलिस ने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में घुसकर छात्रों को गिरफ्तार किया था. तब भी पुलिस की कार्रवाई का खूब विरोध हुआ था.