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अंतरिक्ष में एक बार फिर ISRO रचेगा इतिहास, जानें मिशन 2025 तक का प्लान 

ISRO Mission: 2024 और 2025 में इन मिशनों को भेजने की योजना बनाई जा रही है. इसमें सबसे अधिक चर्चा NISAR और गगनयान मिशन पर हो रही है.

Updated on: 07 Dec 2023, 05:05 PM

नई दिल्ली:

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानि ISRO ने इस वर्ष चंद्रयान-3 को स्थापित कर बड़ा इतिहास रचा है. इस मिशन ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग में बड़ी कामयाबी हासिल की है. भारत इकलौता देश बन चुका है. इसरों ने आदित्य एल-1 और इसके बाद गगनयान फ्लाइट की सफलतापूवर्क टेस्टिंग की है. इसरो अब 2024 और 2025 की प्लानिंग पर काम कर रहा है. इसरो आने वाले दो सालों में कई अन्य मिशनों पर भी काम करने वाला है. संसद के शीतकालीन सत्र के प्रश्नकाल में सरकार ने अगले दो वर्षों में लांच होने वाले इसरो के मिशन की जानकारी सांझा की है. विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ.जितेंद्र सिंह के अनुसार, इसरो 2024 और 2025 में कौन-कौन से मिशन भेजेगा, इसकी अभी से योजना तैयार की जा चुकी है. इसमें सबसे अधिक चर्चा NISAR और गगनयान मिशन की है. 

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अंतरिक्ष में जाएगा इंसान टेस्टिंग सफल रही

गगनयान मिशन में तीन लोगों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. यह देश का पहला ह्यूमन मिशन होने वाला है. इस मिशन के जरिए स्पेसक्राफ्ट को धरती से 400 किलोमीटर दूर कक्षा में स्थापित किया जाएगा. इस मिशन में तीन दिन का समय लगेगा. सभी अंतरिक्ष में तीन दिन समय बिताएंगे. इसके बाद इन्हें समुद्र में सुरक्षित लैंड कराया जाएगा. इस मिशन में तेजी से काम हो रहा है. अक्टूबर माह में गगनयान को लेकर पहली टेस्टिंग हुई थी. इस परीक्षण के माध्यम से यह चेक किया गया कि लैडिंग के समय सभी अं​तरिक्ष यात्री सुरक्षित रहेंगे की नहीं. अब गगनयान मिशन के जरिए 2025 में भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की तैयारी चल रही है. मंत्री जीतेंद्र सिंह ने बताया कि आने वाले वक्त में गगनयान कार्यक्रम के तहत परीक्षण उड़ानों की योजना बनाई  जा रही है. 

नासा के साथ मिलकर काम कर रही ISRO

इसरो के आने वाले स्पेस मिशनों में NISAR यानि सिंथेटिक एपर्चर रडार मिशन भी रखा है. इसरों इस मिशन में अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा के साथ मिलकर काम कर रही है. इस मिशन का लक्ष्य दोहरी फ्रीक्वेंसी वाले रेडारइमेजिंग सैटेलाइट को डिजाइन करना है. नासा का कहना है कि इससे मिलने वाले डेटा वैज्ञानिकों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को अच्छे ढंग से समझने की जानकारी मिलेगी. NISAR को तीन अलग-अलग खंडों में विका​सित किया जा रहा है. NISAR से मात्र 12 दिनों में पूरी पृथ्वी का मानचित्रण किया जा सकता है. इस सैटेलाइट को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से जनवरी 2024 में लॉन्च किए जानें का प्रयास है.