किसानों को 'आतंकवादी' कहने वाले साक्षी महाराज को बर्खास्त करें : आईवाईसी
आईवाईसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी.ने कहा, विरोध कर रहे किसानों को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार के सांसदों का रवैया बहुत ही शर्मनाक है. भाजपा और आरएसएस को यह समझना चाहिए कि यदि देश में किसान नहीं होगा, तो देश ही नहीं होगा.
highlights
- साक्षी जी महाराज को बर्खास्त करने की मांग
- IYC ने साक्षी जी महाराजा का जलाया पुतला
- मोदी सरकार पर आईवाईसी का हमला
नई दिल्ली:
भारतीय युवा कांग्रेस (आईवाईसी) और किसान कांग्रेस ने मंगलवार को मांग की है कि किसानों को 'आतंकवादी' (Terrorist) करार देने वाले भाजपा सांसद साक्षी महाराज को तत्काल बर्खास्त किया जाए. सोमवार को महाराज ने आंदोलनकारी किसानों (Protestor Farmer) को 'आतंकवादी (Terrorist) ' कहकर विवाद खड़ा कर दिया था. मीडियाकर्मियों से बात करते हुए भाजपा सांसद ने कहा था, ये आंदोलनकारी आतंकवादी हैं, ये किसान नहीं हैं. आईवायसी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी राहुल राव ने पार्टी कार्यालय से निकले विरोध मार्च का नेतृत्व किया और महाराज का पुतला भी जलाया.
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आईवाईसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी.ने कहा, विरोध कर रहे किसानों को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार के सांसदों का रवैया बहुत ही शर्मनाक है. भाजपा और आरएसएस को यह समझना चाहिए कि यदि देश में किसान नहीं होगा, तो देश ही नहीं होगा. बिना किसानों के देश की कल्पना करना ही व्यर्थ है.
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उन्होंने कहा कि देश के युवा किसानों के साथ हैं और आईवाईसी किसानों के लिए मजबूती से लड़ाई लड़ेगा. साथ ही भाजपा सरकार पर पूंजीपतियों के लिए काम करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि किसानों की मांगें न मानकर सरकार जनादेश का अपमान कर रही है. उन्होंने आगे कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद में प्रदर्शनकारियों को 'आनंदोल जीवी' कहा और अब भाजपा के सांसद किसानों को आतंकवादी और खालिस्तानी कहते हैं. इन बयानों ने उनके इरादों को स्पष्ट कर दिया है.
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किसान कांग्रेस के उपाध्यक्ष सुरेंद्र सोलंकी ने कहा, इस बयान से साक्षी महाराज की मानसिकता उजागर हो गई है. उन्हें तुरंत किसानों से माफी मांगनी चाहिए और भाजपा को उन्हें सांसद के पद से बर्खास्त करना चाहिए. बता दें कि पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसान बीते साल 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर 3 कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. सीमाओं पर इसलिए, क्योंकि इन्हें दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रदर्शन की अनुमति नहीं मिली.
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