चीन इस कार्यक्रम के जरिए भारत की 'पहेली' को समझने की करेगा कोशिश
भारत ने चीन में खुद को लेकर बेहतर समझ विकसित करने के लिए 'भारत को समझिए' कार्यक्रम शुरू करने की योजना बनाई है।
नई दिल्ली:
भारत ने चीन में खुद को लेकर बेहतर समझ विकसित करने के लिए 'भारत को समझिए' कार्यक्रम शुरू करने की योजना बनाई है। एक-दूसरे के पड़ोसी होने के बावजूद भारत और चीन के लोगों का आपसी संपर्क और इनमें सांस्कृतिक आदान-प्रदान काफी कम है।
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे ने कहा कि बॉलीवुड फिल्मों को देखने और वेबसाइटों में पढ़ने से कोई भारत को केवल सतही तौर पर ही जान सकता है।
विनय दर्शनशास्त्र की विश्व कांग्रेस में शामिल होने के लिए बीजिंग पहुंचे।
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सहस्रबुद्धे ने कहा, 'भारत को केवल किताब पढ़कर और वेबसाइट में पढ़कर नहीं जाना जा सकता है। भारत एक अनुभव है।'
उन्होंने कहा, 'चीन जैसे बड़े देशों में हम 'भारत को समझिए' जैसे कार्यक्रम चलाने की कोशिश कर रहे हैं जो कि संरचनात्मक कार्यक्रम होगा।'
राज्यसभा सांसद ने कहा कि बाहर के लोगों के लिए यह एक 'पहेली' की तरह है कि भारत में विविधता और आर्थिक असमानता के बावजूद भी लोग कैसे एक साथ समन्वय से रहते हैं।
उन्होंने कहा, 'हम इस कार्यक्रम के जरिए भारत के विचार के रहस्य से पर्दा उठाना चाहते हैं।'
उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में भारतीय सांस्कृतिक केंद्रों के नाम स्वामी विवेकानंद के नाम पर नहीं थे। मंगलवार को बीजिंग में भारतीय दूतावास के सांस्कृतिक केंद्र का नाम स्वामी विवकानंद के नाम पर रखा गया।
पूरे विश्व में 37 भारतीय सांस्कृतिक केंद्र हैं।
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