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विजय माल्या की संपत्ति जब्त करने को चुनौती देने वाली याचिका पर होगी सुनवाई

विजय माल्या ने अपनी और अपने रिश्तेदारों की संपत्तियां जब्त करने की कार्रवाई पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुये 27 जून को शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी.

Updated on: 29 Jul 2019, 01:57 PM

नई दिल्ली:

उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने सोमवार को कहा कि शराब कारोबारी और भगोड़े आर्थिक अपराधी विजय माल्या (Vijay Mallya) और उनके परिवार के सदस्यों की कंपनियों की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर दो अगस्त को सुनवाई की जाएगी.

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प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ ने विजय माल्या की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता फली नरिमन के इस अनुरोध पर विचार किया कि संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई और इससे संबंधित कानून की वैधता के सवाल पर पहले से लंबित याचिका के साथ ही इस नयी याचिका पर भी सुनवाई की जाए. नरिमन ने संपत्तियां जब्त करने की कार्रवाई पर सवाल उठाने वाली याचिका पर सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध किया. पीठ ने यह अनुरोध स्वीकार करते हुये इस मामले को शुक्रवार के लिये सूचीबद्ध कर दिया.

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27 जून को शीर्ष अदालत में दायर की थी याचिका
माल्या ने अपनी और अपने रिश्तेदारों की संपत्तियां जब्त करने की कार्रवाई पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुये 27 जून को शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी. माल्या ने याचिका में कहा है कि कथित अनियमित्ताओं के मामलों में उलझी किंगफिशर एयरलाइंस के अलावा कोई अन्य संपत्ति जब्त नहीं की जानी चाहिए. बंबई उच्च न्यायालय ने 11 जुलाई को विजय माल्या की संपत्तियां जब्त करने के संबंध में विशेष अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था.

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धन शोधन मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत ने इस साल पांच जनवरी को विजय माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया था. इसके साथ ही अदालत ने उसकी संपत्तियां जब्त करने की कार्यवाही शुरू कर दी थी. इस समय ब्रिटेन में रह रहे विजय माल्या पर प्रवर्तन निदेशालय ने बैंकों का नौ हजार करोड़ रूपए का कर्ज अदा नहीं करने का आरोप लगाया है. विजय माल्या पर इस समय ब्रिटेन में प्रत्यर्पण की कार्यवाही भी चल रही है.