SIT का तीस्ता पर आरोप, अहमद पटेल के इशारे पर सरकार गिराने की रची थी साजिश
सीतलवाड़, सेवानिवृत डीजीपी आरबी श्रीकुमार और पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट के खिलाफ 2002 के दंगों से जुड़े सबूतों को गढ़ने और साजिश रचने के आरोप हैं.
highlights
- तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका के खिलाफ SIT का एफिडेविट
- सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ पर कई आरोप लगे हैं
- एसआईटी ने तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत का विरोध किया
नई दिल्ली:
गुजरात दंगों को लेकर एसआईटी (SIT) ने अपने हलफनामे में बड़ा खुलासा किया है. सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta Setalvad) पर कई आरोप लगे हैं. गौरतलब है कि सीतलवाड़, सेवानिवृत डीजीपी आरबी श्रीकुमार और पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट के खिलाफ 2002 के दंगों से जुड़े सबूतों को गढ़ने और साजिश रचने के आरोप हैं. इन तीनों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. इस दौरान तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका के खिलाफ एसआईटी के एफिडेविट में में कई अहम खुलासे किए हैं.
मामले की जांच कर रही एसआईटी के जांच अधिकारी बी सी सोलंकी ने शुक्रवार को अहमदाबाद में सिटी सिविल एंड सेशंस कोर्ट में एफिडेविट को फाइल किया. इसमें कहा गया कि यह सब कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के सलाहकार रह चुके दिवंगत अहमद पटेल के इशारे पर हुआ. हलफनामे के अनुसार अहमद पटेल से इसके एवज में दो बार पैसे लिए गए थे.
एफिडेविट में दावा
एसआईटी ने तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत का विरोध किया. इस दौरान एसआईटी ने एफिडेविट में दावा किया है कि तीस्ता के जरिए गुजरात के उस समय के मुख्यमंत्री रह चुके नरेंद्र मोदी को बदनाम करने की कोशिश हुई. साथ राजनैतिक रोटियां सेकने का प्रयास हुआ. हलफनामे के अनुसार, सीतलवाड़ ने कथित तौर पर शुरू से ही इस साजिश में भाग लिया. क्योंकि गोधरा ट्रेन की घटना के कुछ दिन बाद उन्होंने दिवंगत अहमद पटेल के संग एक बैठक की. इस दौरान उन्होंने पहली बार में 5 लाख रुपये लिए. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के आदेश पर एक गवाह ने उन्हें पैसे दिए.
अदालत में पेश हुए एफिडेविट के अनुसार शाहीबाग में सरकारी सर्किट हाउस में पटेल और सीतलवाड़ के बीच और बैठक हुई. इसमें गवाह ने पटेल के आदेश पर सीतलवाड़ को 30 लाख रुपये दिए. रिपोर्ट के अनुसार बैठक में दिया गया पांच लाख रुपये कैश राहत संबंधी कोष का भाग नहीं था. इस मामले में भाजपा ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है. भाजपा नेता संबित पात्रा का कहना है कि एसआईटी के खुलासे ने साबित कर दिया है कि गुजरात की छवि धूमिल करने की कोशिश हो रही थी. सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को इस काम के लिए 30 लाख रुपये दिए गए थे. संबित ने कहा कि उस समय की भाजपा सरकार को गिराने की ये बड़ी साजिश थी.
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