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पाकिस्तान (Pakistan) के नापाक इरादों को लगा झटका, जम्मू-कश्मीर के 99 प्रतिशत इलाकों से हटी पाबंदियां

जम्मू-कश्मीर (Jammu and kashmir) के 99 प्रतिशत से भी ज्यादा इलाकों में लगी पाबंदियों को हटा लिया गया है. राज्य सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत की.

Updated on: 12 Oct 2019, 06:17 PM

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर (Jammu and kashmir) के 99 प्रतिशत से भी ज्यादा इलाकों में लगी पाबंदियों को हटा लिया गया है. राज्य सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत की. रोहित कंसल ने बताया,'आर्टिकल 370 हटने बाद बाहर से सहायता प्राप्त आतंकवादियों' को जम्मू-कश्मीर में शांति भंग करने से रोकने के लिए कुछ पाबंदियां लगाने की दरकार थी, लेकिन अब उसे हटाया जा रहा है.'

उन्होंने बताया जम्मू-कश्मीर के 99 प्रतिशत से भी ज्यादा इलाकों से पाबंदियां हटा दी गई है. पॉलिटिकल लीडर्स समेत हिरासत में लिए गए अन्य लोगों को रिहा करने की दिशा में भी कदम उठाए जा रहे हैं.

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सोमवार से सभी पोस्टपेड मोबाइल फोन सेवाएं बहाल करने की भी घोषणा कर दी है. जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को 5 अगस्त को रद्द करने के बाद से ही कश्मीर में एहतियात के तौर पर मोबाइल फोन सेवाओं और इंटरनेट सुविधाओं को बंद कर दिया गया था.

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श्रीनगर में मीडिया से बात करते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल ने कहा, 'घाटी में समग्र स्थिति में सुधार के बाद सोमवार सुबह से पोस्ट-पेड मोबाइल फोन सेवाओं को बहाल करने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है.'

इंटरनेट सुविधा की बहाली पर हालांकि कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। घाटी में पांच अगस्त से इंटरनेट सेवाएं भी बंद हैं.

कंसल ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में 16 अगस्त से ही पाबंदियां धीरे-धीरे हटाई जाने लगीं और सितंबर का पहला हफ्ता आते-आते ज्यादातर प्रतिबंध हटा लिए गए. आठ से 10 थाना क्षेत्रों के अलावा लोगों की आम गतिविधियों पर लगी पाबंदियां बिल्कुल हटाई जा चुकी हैं.'

उन्होंने पर्यटकों को भी राज्य में आने का न्योता दिया और कहा कि राज्य में सैलानियों का स्वागत है. सरकार उनकी यात्रा को सुविधाजनक बनाने को प्रतिबद्ध है. पर्यटन स्थलों पर इंटरनेट सुविधाएं बहाल की जा रही हैं.

इससे पहले जम्मू एवं कश्मीर में स्कूल, कॉलेज व अन्य शैक्षणिक संस्थान भी खोले जा चुके हैं. इनमें हालांकि अभी तक छात्रों की काफी कम संख्या देखी जा रही है.

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कंसल ने कहा, 'सीमा पार से लगातार प्रयास हो रहे हैं कि कैसे आम जनजीवन को बाधित किया जाए. सीमा पार देश से बैर रखने वाली ताकतों द्वारा बड़े आतंकवादी हमलों को अंजाम दिए जाने की तैयारी की सूचनाएं लगातार मिल रही हैं. इन आतंकवादी हमलों के पीछे मकसद सिर्फ जान-माल की क्षति पहुंचाना नहीं होता है बल्कि जम्मू-कश्मीर के लोगों में भय का माहौल बनाना भी होता है जहां कि ज्यादातर आबादी शांतिप्रिय है.

(IANS इनपुट के साथ)