भगवान करे भारत (India) में कोरोना का तीसरा स्टेज (Corona Virus 3rd Stage) न आए, अगर ऐसा हुआ तो...
पूरी दुनिया कोरोना वायरस के कहर से कराह रही है. भारत में कोरोना वायरस दूसरे स्टेज में पहुंच गया है. अब भगवान करे कि यह तीसरे स्टेज में न पहुंचे. कोरोना के तीसरे स्टेज के लिए न भारत तैयार है और न ही भारतीय.
नई दिल्ली:
पूरी दुनिया कोरोना वायरस (Corona Virus) के कहर से कराह रही है. भारत में कोरोना वायरस दूसरे स्टेज (Corona Virus Stage 2) में पहुंच गया है. अब भगवान करे कि यह तीसरे स्टेज (Corona Virus Stage 3) में न पहुंचे. कोरोना के तीसरे स्टेज के लिए न भारत तैयार है और न ही भारतीय. मतलब न तो हम अब भी उतने जागरूक हो पाए हैं और न ही हमारे स्वास्थ्य विभाग का सिस्टम उतना उम्दा है. तीसरे स्टेज में कम्युनिटी स्प्रेड (Community Spread) होता है और हालात बेकाबू हो जाते हैं.
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ICMR के अनुसार कोरोना वायरस फैलने के चार चरण हैं:
पहला चरण : इस चरण में कोरोना वायरस से वहीं लोग संक्रमित हुए जो दूसरे देश से संक्रमित होकर भारत आए. ऐसे लोगों से भारत में स्थानीय स्तर पर संक्रमण फैल चुका है. भारत यह स्टेज पार कर चुका है.
दूसरा चरण : इसमें वो लोग प्रभावित होते हैं, जो किसी ना किसी ऐसे संक्रमित शख़्स के संपर्क में आए जो विदेश यात्रा से लौटे थे.
तीसरा चरण : यह ख़तरनाक स्तर है. इसमें कोरोना वायरस का 'कम्युनिटी ट्रांसमिशन' होता है. भारत सरकार इस चरण को लेकर न केवल चिंतित है, बल्कि संजीदा व सचेत भी है. जब कोई व्यक्ति किसी ज्ञात संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए बिना या वायरस से संक्रमित देश की यात्रा किए बिना ही इसका शिकार हो जाता है, तब माना जाएगा कि कोरोना वायरस का कम्युनिटी ट्रांसमिशन हो चुका है.
चौथा चरण : कोरोना वायरस का संक्रमण महामारी का रूप ले लेता है.
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चीन और इटली में हुआ था कम्युनिटी ट्रांसमिशन
चीन और इटली जैसे देश में कोरोना वायरस का कम्युनिटी ट्रांसमिशन हुआ था. वहां दूसरे स्टेज में कोरोना के करीब 300 मरीज थे, लेकिन तीसरा स्टेज आते ही मरीजों की संख्या हजारों में हो गई.
तीसरे स्टेज से कैसे निपटेगा भारत
तीसरे चरण में संक्रमितों की संख्या काफी बढ़ जाएगी क्योंकि भारत में अभी जितने लैब हैं उनमें सभी लोगों के टेस्ट पूरे नहीं किए जा सकते. भारत सरकार के अनुसार देश में 70 से ज़्यादा टेस्टिंग यूनिट हैं. ICMR के मुताबिक़ इस हफ़्ते के अंत तक क़रीब 50 और सरकारी लैब कोविड-19 की जांच के लिए उपलब्ध हो जाएंगे. दूसरी ओर, कोविड-19 की जांच के लिए भारत ने WHO से क़रीब दस लाख किट और माँगी हैं. ICMR का यह भी दावा है कि 23 मार्च तक भारत में दो ऐसे लैब तैयार हो जाएंगे, जहां 1400 टेस्ट रोजाना हो सकेंगे. इससे तीन घंटे में कोविड-19 की जांच की जा सकेगी.
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मोदी सरकार ने बनाया GOM
खतरे को भांपते हुए मोदी सरकार ने ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (जीओएम) बनाया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन की अध्यक्षता में गठित इस ग्रुप में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी, केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर, जहाजरानी मंत्री मनसुख मंडवाडिया, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और स्वास्थ्य विभाग के राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे भी होंगे. 3 फरवरी को इसकी पहली बैठक हुई थी. बैठक में सभी संबंधित मंत्रालयों के सचिव भी शामिल हुए थे. जीओएम लगातार कोरोना वायरस के खतरों और चुनौतियों पर नजर बनाए हुए है. जीओएम लगातार अपनी रिपोर्ट पीएमओ को दे रहा है और रोजाना इसकी मॉनीटरिंग की जा रही है.
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