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Earthquake: अगर 12 रिक्‍टर स्‍केल का आया भूकंप तो दो टुकड़ों में बट जाएगी धरती, जानें कितनी तीव्रता है विनाशकारी

Earthquake: दिल्ली एनसीआर में 3 अक्टूबर को करीब 2 बजकर 53 मिनट पर भूकंप के जोरदार झटके दिखाई दिए. ऊंची बिल्डिंगों में रहने वाले लोंगों की सांसे अटक गई. भूकंप की तीव्रता 6.5 मापी गई. लिप्ट में फंसे लोगों की चीखें भी सुनने को मिली.

Updated on: 03 Oct 2023, 07:02 PM

highlights

  • 3 अक्टूबर को दिल्ली एनसीआर में 6.2 तीव्रता का आया भूकंप
  • ऊंची बिल्डिंगों में लोगों की सांसे अटकी, मची खलबली

नई दिल्ली :

Earthquake: दिल्ली एनसीआर में 3 अक्टूबर को करीब 2 बजकर 53 मिनट पर भूकंप के जोरदार झटके दिखाई दिए. ऊंची बिल्डिंगों में रहने वाले लोंगों की सांसे अटक गई. भूकंप की तीव्रता 6.2 मापी गई. लिप्ट में फंसे लोगों की चीखें भी सुनने को मिली. आज हम आपको बता रहे हैं कि कितनी रिक्टर स्केल मानव जीवन के लिए खतरा है. वैज्ञानिकों के मुताबिक यदि किसी वजह  से 12 रिक्टर स्केल का भूकंप आता है तो धरती के दो टुकड़े हो जाएंगे. यानि मानव जीवन को बड़ा खतरा हो जाएगा. हालांकि अभी दुनिया में सबसे तेज भूकंप सीरिया में मापा गया था. जिसकी तीव्रता 7.8 नोट की गई थी. 

जानें कितना रिक्टर स्केल विनाशकारी है 
1.9 रिक्‍टर स्‍केल
इस तीव्रता के भूकंप सिर्फ सीज्‍मोग्राफ पर ही दर्ज हो पाते हैं. आम लोगों को ये महसूस नहीं होते हैं. हर साल ऐसे लगभग 10 हजार भूकंप आते हैं 
2.9 रिक्‍टर स्‍केल
2.9 रिक्‍टर स्‍केल के भूकंप से बहुत हल्का सा कंपन महसूस होता है. इससे जानमाल का नुकसान नहीं होता है. 
3.9 रिक्‍टर स्‍केल
इस स्थिति में हल्‍के झटके महसूस होते हैं. इस तरह का अनुभव महसूस होता है जैसे आपके करीब से कोई गाड़ी निकल गई हो. इनमें भी जानमाल का नुकसान नहीं होता है.
4.9 रिक्‍टर स्‍केल
इसमें हल्के से तेज झटके लगते हैं. अब आपके घर की दीवार पर टंगी तस्वीरें गिर सकती हैं, खिड़कियां टूट सकती हैं और इमारतों को नुकसान भी हो सकता है.
5.9 रिक्‍टर स्‍केल
इस स्टेज पर घर में रखे फर्नीचर हिलने लगते हैं. मकान की दीवारों में दरारें भी आ सकती हैं. 
6 - 6.9 रिक्‍टर स्‍केल
इतनी तीव्रता पर पूरे शहर में भूकंप का प्रभाव दिखता है. कच्चे घर ढ़हा जाते जाते हैं, इमारतों की नींव भी दरक सकती है. हर साल ऐसे करीब 200 भूकंप आते हैं. 
7.9 रिक्‍टर स्‍केल
ये भूकंप विनाशकारी होते हैं. बहुत तीव्र कंपन महसूस होते हैं, इस स्थिति में जानमाल का काफी नुकसान होता है. बड़ी इमारतें गिर सकती हैं और सूनामी आने का भी खतरा रहता है.
8.9 रिक्‍टर स्‍केल
जानमाल का बहुत नुकसान होता है. बड़े-बड़े पुल ढह जाते हैं, शहर के शहर तबाह हो जाते हैं.
9.9 रिक्‍टर स्‍केल
इस स्टेज पर पृथ्‍वी के बड़े हिस्‍से का नाश हो जाएगा. मैदान की धरती खेत की तरह लहराएगी. फिलहाल तो ऐसी प्रलय की सिर्फ कल्पना ही कर सकते हैं.
10 रिक्‍टर स्‍केल
10 रिक्‍टर स्‍केल का भूकंप इतना विनाशकारी होगा कि इसके आने पर शायद ही धरती पर कोई बचे
11 रिक्टर स्केल 
11 रिक्टर स्केल भूकंप आने पर धरती में दरारें आ जाएंगी, मनुष्य जीवन बचना मुश्किल हो जाएगा. सभी जीव जन्तु मारे जाएंगे
 12 रिक्टर स्केल 
वहीं  अगर किसी वजह से 12 रिक्टर स्केल का भूकंप आता है धरती के दो टुकडे हो जाएंगे. धरती पर जीव नाम की कोई चीज नहीं बचेगी.

 नई टेक्नोलॉजी से मिलेगी चेतावनी

हिमाचल क्षेत्र के तहत आने वाले इलाकों में आए दिन आ रहे भूकंप जैसी आपदा से बचने के लिए देश और दुनिया भर में कई तरह के शोध भी चल रहे हैं. अराहास टेक्नोलॉजी के सौरभ राय कहते हैं कि  इसमें नई AI और IOT आधारित तकनीक को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है. ये टेक्नोलॉजी भूवैज्ञानिक परिवर्तनों की निगरानी करके चेतावनी दे सकती है, जिससे हमें संभावित भूकंप क्षति को कम करने में मदद मिल सकती है. जल्द ही भारत में भी तकनीक लाई जा रही है जो भूकंप आने से पहले 30 सकंड पहले ही चेतावनी दे देगी.