Desh Ki Bahas: हिजाब की लड़ाई बुर्के पर आई, आगे शरिया की बारी?
कर्नाटक में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब को लेकर शुरू हुआ विवाद अब पूरे देश में फैलता नजर आ रहा है. हिजाब विवाद ने देश में एक नई बहस को जन्म दे दिया है. हालांकि यह एक स्कूल के ड्रेस कोड का मामला है, लेकिन इस मुद्दे पर देश दो धड़ों में बंटा आ रहा है.
नई दिल्ली:
कर्नाटक में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब को लेकर शुरू हुआ विवाद अब पूरे देश में फैलता नजर आ रहा है. हिजाब विवाद ने देश में एक नई बहस को जन्म दे दिया है. हालांकि यह एक स्कूल के ड्रेस कोड का मामला है, लेकिन इस मुद्दे पर देश दो धड़ों में बंटा आ रहा है. एक पक्ष हिजाब को इस्लाम में शामिल एक फर्ज बता रहा है तो वहीं दूसरा पक्ष स्कूल की एक समान युनिफॉर्म के पक्ष में हैं. दोनों पक्षों में जारी इस बहस के बीच कर्नाटक के कॉलेजों और उसके आसपास गुरुवार को भी तनाव की स्थिति बनी रही, क्योंकि हिजाब पहने पूर्व विश्वविद्यालय के छात्रों ने कक्षाओं के अंदर जाने की मांग की। हिजाब पहने छात्रों को फिर वापस भेज दिया गया और कई ने कॉलेज अधिकारियों के फैसले का विरोध किया. हिजाब की लड़ाई बुर्के पर आई, आगे शरिया की बारी? न्यूज नेशन पर देखिये #DeshKiBahas... यहां पढ़ें मुख्य अंश.
- मुस्लिम महिलाएं सालों से हिजाब पहन रहीं थी : खादिम सैयद सरवर, अजमेर शरीफ दरगाह
- सात साल से एंटी मुस्लिम मुहिम चल रही है : खादिम सैयद सरवर, अजमेर शरीफ दरगाह
- हम संविधान पर विश्वास रखते हैं : खादिम सैयद सरवर, अजमेर शरीफ दरगाह
- जब कोर्ट का फैसला आए तब देखा जाएगा : खादिम सैयद सरवर, अजमेर शरीफ दरगाह
- आप मदरों में जो मन करे वो पहन कर जाइए : अश्विनी उपाध्याय, BJP नेता
- सेकुलर स्कूल में किसी तरह का हस्तक्षेप न करें : अश्विनी उपाध्याय, BJP नेता
- संविधान कहता है कि आप धर्म को फोलो करें अधर्म को नहीं: अश्विनी उपाध्याय, BJP नेता
- कुछ लोगों को जिद है कि हमें कोर्ट और संविधान को नहीं मानना है : अंबर जैदी, सामाजिक कार्यकर्ता
- स्कूल में ड्रेस कोड को फोलो करना सबकी जिम्मेदारी है : अंबर जैदी, सामाजिक कार्यकर्ता
- सेकुलर स्कूलों में भी एक ड्रेस कोड होता है, जिसको मानना होता है : अंबर जैदी, सामाजिक कार्यकर्ता
- इस पर कोर्ट पहले ही फैसला दे चुकी है, यह एक रूलिंग है: अंबर जैदी, सामाजिक कार्यकर्ता
- मुस्लिम महिलाओं की स्थिति बहुत दयनीय है : अंबर जैदी, सामाजिक कार्यकर्ता
- महिलाओं के एजुकेशन के लिए कभी बात नहीं की जाती : अंबर जैदी, सामाजिक कार्यकर्ता
- कुछ लोगों महिलाओं को आगे नहीं बढ़ने देने चाहते : अंबर जैदी, सामाजिक कार्यकर्ता
- कुछ लोग नहीं चाहते कि मुस्लिम महिलाओं को एजुकेशन मिले: अंबर जैदी, सामाजिक कार्यकर्ता
- हमारे धर्म कई ऐसे फेद हैं जो इस्लाम के फर्ज में नहीं हैं : मारिया तबस्सुम, सामाजिक कार्यकर्ता
- इस्लाम में शराब भी हराम हैं, लेकिन वो फर्ज नहीं है: मारिया तबस्सुम, सामाजिक कार्यकर्ता
- क्या बच्चों के तिलक, पगड़ियां या सिंदूर निकाला गया : मारिया तबस्सुम, सामाजिक कार्यकर्ता
- क्या आप हमें स्कूल में नमाज पढ़ने देंगे : मारिया तबस्सुम, सामाजिक कार्यकर्ता
- हिंदुस्तान सबका है, जितना उनका है उतना हमारा भी है : मारिया तबस्सुम, सामाजिक कार्यकर्ता
- महिलाओं को जबरदस्ती हलाला का शिकार होना पड़ता है, उसके लिए आवाज नहीं उठी : इफरा जान, प्रवक्ता JKNC
- तो युनिफॉर्म की बात है तो टीचर्स के सिर से दुपट्टा क्यों उतरवाया जा रहा है : इफरा जान, प्रवक्ता JKNC
- कर्नाटक के स्कूल में बनने वाले खाने में लहसून प्याज क्यों नहीं डलता : इफरा जान, प्रवक्ता JKNC
- स्कूल के खाने में भी एक समुदाय विशेष का ध्यान रखा जाता है : इफरा जान, प्रवक्ता JKNC
- हिजाब घर और मदरसे में पहना जा सकता है : शाइना NC, BJP प्रवक्ता
- किसी सेकुलर व समानता वाले स्कूल में ड्रेस कोड फोलो करना चाहिए : शाइना NC, BJP प्रवक्ता
स्कूल में किसी छात्रा को धर्म के नाम पर पहचान नहीं दी जानी चाहिए : शाइना NC, BJP प्रवक्ता - जब एक लड़की पायलट बनती है या पुलिस में काम करती है तो क्या हिजाब पहनती है : शाइना NC, BJP प्रवक्ता
- समाज के कुछ ठेकेदार लोगों को गुमराह कर रहे हैं : शाइना NC, BJP प्रवक्ता
- आर्मी में भी मुस्लिम महिला हिजाब पहन सकती हैं : मारिया तबस्सुम, सामाजिक कार्यकर्ता
- कौन कहता है कि इस्लाम में टीवी हराम है : इलियास शराफुद्दीन, इस्लामी विद्वान
- इस्लाम में हिजाब भी फर्ज है : इलियास शराफुद्दीन, इस्लामी विद्वान
- बच्चियां अगर बाहर जाती हैं तो उनके लिए हिजाब जरूरी है : इलियास शराफुद्दीन, इस्लामी विद्वान
- हिजाब मर्द के लिए भी जरूरी है और औरत के लिए भी : इलियास शराफुद्दीन, इस्लामी विद्वान
- इस्लाम में हिजाब फर्ज है जो सबके लिए जरूरी है : इलियास शराफुद्दीन, इस्लामी विद्वान
- हिजाब की वजह से हमारी महिलाएं महफूज हैं : इलियास शराफुद्दीन, इस्लामी विद्वान
- इस्लाम में बेटियों को ज्यादा तरजीह दी गई है : इलियास शराफुद्दीन, इस्लामी विद्वान
- इस्लाम खतरे में नहीं है : इलियास शराफुद्दीन, इस्लामी विद्वान
- दाढ़ी टॉपी हटने से हमारे घर में आफत उतर जाती है : इलियास शराफुद्दीन, इस्लामी विद्वान
- इस्लाम के नियम लड़के और लड़कियों दोनों को फोलो करने चाहिए : इलियास शराफुद्दीन, इस्लामी विद्वान
- मुस्लिम महिला डॉक्टर्स हिजाब के साथ ऑपरेशन करती हैं : इलियास शराफुद्दीन, इस्लामी विद्वान
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