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राजनाथ सिंह ने सेना की बड़ी मांग मानी, हताहत सैनिकों के परिजनों को मिलेंगे 8 लाख

भारतीय सेना (Indian Army) की लंबे समय से लंबित मांग को सैद्धांतिक तौर पर स्वीकार करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने युद्ध में हताहत सैनिकों के परिजनों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता वर्तमान के 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 8 लाख रुपए कर दी है.

Updated on: 05 Oct 2019, 03:36 PM

highlights

  • अब युद्ध में हताहत सैनिकों के परिजनों को मिलेंगे 8 लाख रुपए.
  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लंबित मांग को दी सैद्धांतिक मंजूरी.
  • अभी तक शहीद या 60 फीसदी अपंगता की स्थिति में मिलते थे 2 लाख.

नई दिल्ली:

भारतीय सेना (Indian Army) की लंबे समय से लंबित मांग को सैद्धांतिक तौर पर स्वीकार करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने युद्ध में हताहत सैनिकों के परिजनों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता वर्तमान के 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 8 लाख रुपए कर दी है. यह आर्थिक सहायता आर्मी बैटल कैजुअल्टीज वेल्फेयर फंड (ABCWF) के तहत दी जाएगी. अभी तक युद्ध में शहादत या 60 फीसदी तक की अपंगता या अन्य स्थिति में ही सैनिक के परिजनों को 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती थी.

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बाकी भत्तों से अलग होगी यह सहायता राशि

गौरतलब है कि यह मदद पेंशन (Pension), सेना की सामूहिक बीमा (Group Insurence), सेना कल्याण निधि और अनुग्रह राशि के अलावा दी जाती है. रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि रक्षा मंत्री ने युद्ध हताहतों की सभी श्रेणी के परिवारों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता दो लाख रुपये से बढ़ाकर आठ लाख रुपये करने को सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी है. एबीसीडब्ल्यूएफ का गठन एक्स सर्विसमैन वेल्फेयर (ESW) विभाग के अंतर्गत जुलाई 2017 में किया गया था. इसकी जरूरत खासतौर पर तब महसूस की गई जब फरवरी 2016 में सियाचिन ग्लेशियर में पेश आए हादसे के बाद 10 सैनिक बर्फीले तूफान में दबकर मारे गए थे.

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सामूहिक बीमा से भी मिल रही मदद

एबीसीडब्ल्यूएफ के तहत दी जाने वाली इस आर्थिक मदद के अलावा फिलवक्त सेना में रैंक (Rank) के अनुसार 25 लाख से 45 लाख रुपए मृतक सैनिक के परिजनों को प्रदान किए जाते हैं. इसके अलावा 40 लाख रुपए से 75 लाख रुपए का सामूहिक जीवन बीमा अलग से है. गौरतलब है कि राजनाथ सिहं ने मोदी सरकार के प्रथम कार्यकाल में बतौर गृहमंत्री (Home Minister) रहते हुए भारत के वीर नाम से एक फंड की स्थापना की थी. इसमें ड्यूटी के दौरान अर्धसैनिक बलों के साथ पेश आए हादसों के बाद उनके परिजनों की आर्थिक मदद की जाती है.