logo-image

सहकारिता आंदोलन से किसान और मजदूरों के जीवन में  एक बड़ा बदलाव आया- ओम बिरला 

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज नई दिल्ली में आयोजित 17वें भारतीय सहकारी महासम्मेलन के समापन सत्र को सम्बोधित किया. 

Updated on: 02 Jul 2023, 07:11 PM

New Delhi:

आज 17वें भारतीय सहकारी महासम्मेलन के समापन सत्र आयोजित किया गया. इस समारोह में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी शामिल हुए. उन्होंने सहकारी महासम्मेलन के समापन सत्र में कहा कि सहकारिता की भावना हमारे मूल स्वभाव में है, हमारे चिंतन में है, हमारे व्यवहार में है. सहकारिता का भाव हमारे राष्ट्र-नायकों की सोच में रहा है. हमारा राष्ट्रीय आंदोलन सहकारिता का एक उत्तम उदाहरण है, जिसमें हर वर्ग, हर समुदाय, हर जाति, क्षेत्र और समूह के व्यक्ति ने भागीदारी की. उन्होंने आगे कहा कि इस आंदोलन से किसान और मजदूरों के जीवन में  एक बड़ा बदलाव आया है. पहले जो 16 पर्सेन्ट, 18 पर्सेन्ट पर किसान को ऋण लेना पड़ता था, वही आज देश के कई राज्यों में एक से डेढ़ लाख रुपये का ऋण ज़ीरो प्रतिशत ब्याज दर पर सहकारिता के माध्यम से ही मिलना संभव हो पाया है. साथ ही  किसानों को सहकारी समितियों से खाद, बीज और उर्वरक सस्ते दर पर मिल पा रहा है. 

इसके अलावा, बिरला ने यह भी कहा कि सहकारी चीनी मिलों की स्थापना से देश में एक आमूलचूल परिवर्तन हुआ, जिससे किसानों को गन्ने का उचित दाम मिलने लगा और गन्ना खरीद की एक सुव्यवस्थित  प्रक्रिया तैयार हुई. इस तरह सहकारिता के क्षेत्र ने किसानों के जीवन में एक बड़ा परिवर्तन लाने का काम किया है. मत्स्यपालन, पशुपालन, डेयरी, छोटे, लघु, कुटीर उद्योग, महिला स्वयं सहायता समूह,  बुनकर सोसाइटीज़, इन  सारे सेक्टरों में सहकारिता के माध्यम से बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार मिला है और उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई है. ओम बिरला ने उपभोक्ता सहकारी समितियों और आवास सहकारी समितियों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला और बताया कि उन्होंने लोगों को कैसे लाभान्वित किया है. सहकारिता के माध्यम से ग्रामीण स्तर पर आज मछली पालन करने वाले छोटे किसान भी फिश प्रोसेसिंग, फिश ड्राइंग, फिश स्टोरिंग, फिश स्टोरेज, फिश कैनिंग, फिश ट्रांसपोर्ट जैसे अनेक काम ऑर्गनिज़ड तारीकें से कर रहे हैं. इससे उनकी आमदनी बढ़ी है, और उनका जीवन बेहतर हुआ है, श्री बिरला ने कहा.

बिरला ने आगे कहा कि मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी हमारी सहकारी समितियां आज मेक इन इंडिया को साकार कर रही है. सहकारिता सेक्टर हमारे देश का निर्यात बढ़ाने में भी बड़ी भूमिका निभा रहा है. इसके बाद उन्होंने सुझाव दिया कि, cooperatives को राजनीति की बजाए समाज नीति और राष्ट्रनीति का वाहक बनना चाहिए. उन्होंने  इस पर जोर दिया कि सामूहिकता के साथ मिलकर  हम इस  क्षेत्र में नई तकनीक, अपनी दक्षता और कार्यकुशलता को बेहतर करते हुए ‘सहकार से समृद्धि की ओर बढ़ सकते हैं. सहकारिता क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाने पर भी ओम बिरला ने जोर दिया. 

यह विचार व्यक्त करते हुए कि हाल में हुए सुधारों ने सहकारिता के क्षेत्र में करप्शन और मिस्मैनिजमेंट का निवारण किया है, लोक सभा अध्यक्ष ने आशा व्यक्त की  कि सहकारिता आंदोलन  आत्मनिर्भर और विकसित भारत के सपने को साकार करेगा. उन्होंने यह आह्वान भी किया कि सहकारिता क्षेत्र में डिजिटलीकरण के द्वारा पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो. 

यह भी पढ़ें - Ajit Pawar की खुली चुनौती पर सीनियर पवार का पलटवार, शरद बोले- असली NCP उनके साथ

भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ का मुख्य उद्देश्य देश में सहकारी आंदोलन को बढ़ावा देना और विकसित करना हैं. इसके अलावा सहकारी क्षेत्र के निर्माण एवं विस्तार के लिए लोगों को शिक्षित करना, मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करना तथा सहकारी अधिनियम की पहली अनुसूची में प्रतिपादित सिद्धांतों के अनुसार सहकारी राय के प्रतिपादक के रूप में कार्य करना हैं. इसके अलावा सहकारिता की उपलब्धियों का प्रचार करना, सहकारी नीति के मामलों पर राय व्यक्त करना और राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय सहकारी आंदोलन के मान्यता प्राप्त प्रतिनिधि के रूप में कार्य करना तथा सहकारी महासम्मेलन, संगोष्ठियां, बैठकें, सम्मेलन और प्रदर्शनियां आदि आयोजित करना हैं.