परिवारवाद का कलंक धोएगी कांग्रेस... एक पद एक व्यक्ति, एक परिवार एक टिकट
कांग्रेस पार्टी पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगता रहा है. ऐसे में कांग्रेस ने एक परिवार से एक व्यक्ति को टिकट देने और एक व्यक्ति को एक ही पद दिए जाने के फैसले को लेकर एक बार फिर चर्चा शुरू कर दी है.
highlights
- बीजेपी के परिवारवाद के आरोप को भोथरा करने की तैयारी
- एक परिवार एक टिकट समेत एक व्यक्ति एक पद पर विचार
- चिंतन शिविर से पहले प्रस्तावों को दिया जा रहा अंतिम रूप
नई दिल्ली:
कांग्रेस चिंतन शिविर (Chintan Shivir) में प्रस्ताव बनाने के लिए बनाई गई छह कमेटियों के संयोजकों की बैठक सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के आवास 10 जनपथ पर सोमवार को आयोजित हुई. बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष को एक पद पर एक व्यक्ति और एक परिवार से एक ही व्यक्ति को टिकट दिए जाने का सुझाव दिया गया है. कांग्रेस (Congress) के दिल्ली मुख्यालय में आयोजित होने वाली कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक से ठीक पहले दस जनपथ पर कमेटी के संयोजकों की यह बैठक बुलाई गई है. इससे पहले पिछले सप्ताह कांग्रेस वार रूम में चिंतन शिविर की तैयारियों पर कई दौर की चर्चा हो चुकी है. वहीं हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा (Bhupendra Hudda) की अध्यक्षता में भी बैठक बुलाई गई थी, जिसमें कृषि संबंधी विषय पर चर्च की गई थी.
परिवारवाद का दाग धोएगी कांग्रेस
इसके साथ ही शाम को प्रस्तावित सीडब्ल्यूसी बैठक से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी 10 जनपथ पहुंचकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे. बैठक में मुख्यतौर पर चिंतन शिविर की रणनीति पर चर्चा की जायेगी. इसके साथ ही कमेटी के सदस्यों ने कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात के बाद अपनी रिपोर्ट के साथ-साथ कुछ सुझाव भी साझा किए हैं. इन सुझावों के अनुसार कांग्रेस पार्टी में तमाम कमेटियों में 50 प्रतिशत स्थान एससी-एसटी और ओबीसी नेताओं को दिए जाने की मांग की गई है. वहीं पार्टी नेताओं ने एक व्यक्ति एक पद और एक परिवार से एक ही व्यक्ति को टिकट दिए जाने की भी वकालत की है.
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चिंतन शिविर की तैयारियां जोरों पर
कांग्रेस पार्टी पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगता रहा है. ऐसे में कांग्रेस ने एक परिवार से एक व्यक्ति को टिकट देने और एक व्यक्ति को एक ही पद दिए जाने के फैसले को लेकर एक बार फिर चर्चा शुरू कर दी है. कांग्रेस 9 साल बाद राजस्थान के उदयपुर में तीन दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन करने जा रही है, जो 13, 14 और 15 मई को होगा. हार के बाद समीक्षा के साथ ही शिविर में कांग्रेस गुजरात, हिमाचल प्रदेश के साथ ही अगले वर्ष होने वाले कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश जैसे राज्यों के विधानसभा चुनावों को लेकर रणनीति बनाएगी. हालंकि चिंतन शिविर की तैयारी को लेकर पहले भी कई बैठकें हो चुकी हैं.
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