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गांधी परिवार से SPG सुरक्षा हटाने का मुद्दा अदालत ले जा सकती है कांग्रेस

गांधी परिवार की सुरक्षा में तैनात विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) को हटाए जाने के केंद्र सरकार के फैसले से क्षुब्ध कांग्रेस ने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री पर 'कुटिल व प्रतिशोध की राजनीति' करने का आरोप लगाया

Updated on: 09 Nov 2019, 08:32 AM

नई दिल्ली:

गांधी परिवार की सुरक्षा में तैनात विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) को हटाए जाने के केंद्र सरकार के फैसले से क्षुब्ध कांग्रेस ने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री पर 'कुटिल व प्रतिशोध की राजनीति' करने का आरोप लगाया. सूत्रों का कहना है कि पार्टी इस मुद्दे को अदालत में ले जा सकती है. पार्टी नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "हम देखेंगे कि इस पर क्या किया जा सकता है." कांग्रेस का कहना है कि एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने की अफवाह एक माह पहले फैलाई गई थी. इस पर संज्ञान लेते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कैबिनेट सचिव सचिव राजीव गौबा को 4 नवंबर को पत्र लिखा था.

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पूर्व प्रधानमंत्री ने पत्र में कहा था कि "एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने जैसी सुरक्षा संबंधी संवेदनशील जानकारी दैनिक अखबारों व टेलीविजन सहित मीडिया को लीक किया जाना सरकार के तहत सुरक्षा में सीधा सेंधमारी है." पत्र में वर्ष 1992 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या मामले पर न्यायमूर्ति जे.एस.वर्मा की रिपोर्ट का हवाला दिया गया है.

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पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सुरजेवाला ने शुक्रवार को कहा कि राहुल गांधी को अल कायदा, खालिस्तानी आतंकी संगठनों और नक्सलियों से धमकी मिली है. उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि मोदी सरकार ने एसपीजी को विदेश दौरों के दौरान गांधी परिवार के साथ रहने की सलाह दी थी और अब यू-टर्न ले लिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा आरोप लगा रही है कि गांधी परिवार एसपीजी का प्रोटोकॉल तोड़ता रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि प्रधानमंत्री मोदी खुद खुली कार में घूमकर प्रोटोकॉल तोड़ते रहे हैं.