Chandrayaan-3: चांद के और करीब पहुंचा चंद्रयान-3, आखिरी ऑर्बिट में बनाई जगह
Chandrayaan-3: प्रक्रिया का उद्देश्य प्रणोदन और लैंडर मॉड्यूल दोनों को चंद्रमा के चारों ओर करीब 100 किमी की गोलाकार कक्षा में स्थापित करना है
highlights
- प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैंडर मॉड्यूल को अलग करने की योजना
- 23 अगस्त को लैंडर-रोवर की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग
- चंद्रयान-3 की कक्षा चौथी बार बदली गई थी
नई दिल्ली:
Chandrayaan-3: पूरी दुनिया की नजर भारत के मून मिशन चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) पर टिकी हुई है. आज का दिन चंद्रयान-3 के लिए खास है. एक बार फिर बुधवार को चंद्रयान-3 के ऑर्बिट को घटाया गया है. यह ऑर्बिट घटाने की आखिरी प्रक्रिया है. इसरो ने ट्वीट किया, "आज की सफल फायरिंग, जो कि छोटी अवधि के लिए आवश्यक थी, ने चंद्रयान -3 को 153 किमी x 163 किमी की कक्षा में स्थापित कर दिया है, जैसा कि इरादा था. इसके साथ, चंद्रमा की ओर जाने वाले युद्धाभ्यास पूरे हो गए हैं. यह प्रोपल्शन मॉड्यूल के रूप में तैयारी का समय है." और लैंडर मॉड्यूल अपनी अलग-अलग यात्राओं के लिए तैयार हैं. प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैंडर मॉड्यूल को अलग करने की योजना 17 अगस्त, 2023 को बनाई गई है."
Chandrayaan-3 Mission | ISRO tweets, "Today’s successful firing, needed for a short duration, has put Chandrayaan-3 into an orbit of 153 km x 163 km, as intended. With this, the lunar bound maneuvres are completed. It’s time for preparations as the Propulsion Module and the… pic.twitter.com/YF7a6LyeC5
— ANI (@ANI) August 16, 2023
लैंडर एक ‘डीबूस्ट’ प्रक्रिया से गुजरने वाला है
इस अहम प्रक्रिया का उद्देश्य प्रणोदन और लैंडर मॉड्यूल दोनों को चंद्रमा के चारों ओर करीब 100 किमी की गोलाकार कक्षा में स्थापित करना है. चंद्रयान-3 मिशन के अगले चरण में पहुंचने का ये प्रतीक है. इसमें लैंडर को प्रणोदन मॉड्यूल से अगल करना जुड़ा हुआ है. वहीं प्रणोदन मॉड्यूल चंद्रमा के चारों ओर अपनी कक्षा जारी रखेगा. लैंडर एक ‘डीबूस्ट’ प्रक्रिया से गुजरने वाला है. इसमे जटिल ब्रेकिंग युद्धाभ्यास की खास श्रृंखला शामिल की गई है.
साफ्ट लैंडिंग के लिए लैंडर को धीरे-धीरे धीमा करने की तैयारी होगी. आपको बता दें कि इससे पहले यान की कक्षा सोमवार को घटाई गई थी. पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने के बाद चंद्रयान-3 की कक्षा चौथी बार बदली गई थी. इससे पहले छह और नौ अगस्त को कक्षा में बदलाव होगा.
सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी
गौरतलब है कि 23 अगस्त को यान के लैंडर-रोवर की चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी. चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को लॉन्च किया गया. यह 5 अगस्त को सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया. इसके बाद, अंतरिक्ष यान के ऑर्बिट को 5, 6, 9 और 14 अगस्तर को चार बार घटाया जा चुका है.
चंद्रयान-3 के चांद की सतह पर लैंड करने के बाद भारत लैंडर उतारने वाला चौथा देश बन जाएगा. अब तक अमेरिका, रूस और चीन ने ही चंद्रमा की सतह पर लैंडर को उतारा है. इससे पहले भारत ने साल 2019 में चंद्रयान-2 मिशन के तहत लैंडर को उतारने की कोशिश की थी. मगर अंतिम क्षणों में लैंडर से संपर्क टूट गया. उसकी लैंडिंग साफ्ट नहीं थी.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
Premanand Ji Maharaj : प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Aaj Ka Panchang 29 April 2024: क्या है 29 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Arthik Weekly Rashifal: इस हफ्ते इन राशियों पर मां लक्ष्मी रहेंगी मेहरबान, खूब कमाएंगे पैसा