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अब CBI में कम होगा IPS अफसरों का वर्चस्व, इस नई तैयारी में जुटी सरकार

जानाकरी के मुताबिक इस मामले को कार्मिक मंत्रालय से संबंद्धित स्थायी संसदीय समिति ने चुनावों से पहले उठाया था जिसमें उसने कहा था कि सीबीआई में आईपीएस के अलावा आर्थिक सेवाओं से जुड़े अधिकारियों की नियुक्ति भी होनी चाहिए

Updated on: 13 Jul 2019, 08:48 AM

नई दिल्ली:

अगले कुछ समय में सीबीआई (CBI) में IPS अफसरों के अलावा दूसरे क्षेत्र के अधिकारियों की नियुक्ति भी हो सकती है जिससे आइपीएस अफसरों का वर्चस्व घट सकता है. दरअसल सीबीआई में आईपीएस के अलावा दूसरे क्षेत्र के अधिकारियों की नियुक्ति काफी कम है. ऐसे में मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार आर्थिक सेवाओं से जुड़े अनुभवी अधिकारियों को सीबीआई में शामिल करने का मन बना रही है.

जानाकरी के मुताबिक इस मामले को कार्मिक मंत्रालय से संबंद्धित स्थायी संसदीय समिति ने चुनावों से पहले उठाया था जिसमें उसने कहा था कि सीबीआई में आईपीएस के अलावा आर्थिक सेवाओं से जुड़े अधिकारियों की नियुक्ति भी होनी चाहिए. इसके पीछ समिति का तर्क ये था कि इससे एक तो खाली पड़े रद भरेंगे और आर्थिक अपराध से जुड़े मामले भी जल्द सुलझा लिए जाएंगे.

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बताया जा रहा है कि सीबीआई में अधीक्षक, संयुक्त निदेशक और डीआईजी पदों पर अधिकारियों की भर्ती की जा सकती है. सीबीआई में अधिकारियों को भर्ती करने के नियमों के मुताबिक अधीक्षक स्तर पर 20 फीसदी जबकि संयुक्त निदेशक और डीआईजी स्तर पर 10-10 फीसदी पदों पर आईपीएस के अलावा अन्य क्षेत्र के अधिकारियों को नियुक्त किया जा सकता है.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मामले को उठाते हुए समिति ने जो रिपोर्ट पेश की थी उसमें सीबीआई में 6 अलग-अलग क्षेत्र के अधिकारियों को शामिल करने की बात की गई है. इन 6 क्षेत्रों में राजस्व सेवा, भारतीय आर्थिक सेवा, सेंट्रल एक्साइज सर्विस, नारकोटिक्स एंड कंट्रोल ब्यूरो, ईडी और सीरियस फ्रॉड एंड इंवेस्टीगेशन ब्यूरो शामिल हैं.

खबरों की माने तों केंद्र, अधीक्षक, संयुक्त निदेशक और डीआईजी पदों पर जिन अधिकारियों को शामिल करने का मन बना रही है उनमें राजस्व सेवा, आर्थिक सेवा, नारकोटिक्स एंड कंट्रोल ब्यूरो और सेंट्रल एक्साइज क्षेत्र से जुड़े अधिकारी शामिल हैं.