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CAA ने खोली पाकिस्तान की पोल, युवाओं ने निभाई अहम भूमिका- बेलूर में बोले पीएम मोदी

बता दें, पीएम मोदी का ये बयान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमारन खान के उस बयान के बाद आया था जिसमें उन्होंने ब्रिटेन के अखबार 'द टाइम्स' में छपे एक लेख की आड़ में मोदी सरकार समेत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर फिर से निशाना साधा था

Updated on: 12 Jan 2020, 11:35 AM

नई दिल्ली:

आज यानी 12 जनवरी 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामी विवेकानंद की जयंती पर बेलूर में युवाओं को संबोधित किया . इस मौके पर उन्होंने युवाओं से इस दशक में नए भारत का संकल्प लेने को कहा. इसी के साथ उन्होंने सीएए और एनआसी पर भी बात की. वहीं दूसरी तरफ उन्होंने पाकिस्तान पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, पाकिस्तान में जिस तरह दूसरे धर्म के लोगों पर अत्याचार होता है, उसे लेकर भी दुनिया भर में आवाज हमारा युवा ही उठा रहा है.  पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर जो अत्याचार होता है उसका पर्दाफाश सीएए की वजह से हुआ है. युवाओं ने पाकिस्तान के इस सच को सामने लाने में अहम भूमिका निभाई है. पाकिस्तान को जवाब देना पड़ेगा कि 70 साल में वहां अल्पसंख्यकों के साथ जुल्म क्यों हुआ. उन्होंने कहा, सीएए पर इतनी स्पष्टता के बावजूद, कुछ लोग सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट को लेकर भ्रम फैला रहे हैं. मुझे खुशी है कि आज का युवा ही ऐसे लोगों का भ्रम भी दूर कर रहा है. 

बता दें, पीएम मोदी का ये बयान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमारन खान के उस बयान के बाद आया था जिसमें उन्होंने ब्रिटेन के अखबार 'द टाइम्स' में छपे एक लेख की आड़ में मोदी सरकार समेत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर फिर से निशाना साधा था. इसके साथ ही उन्होंने भारत के मुसलमानों समेत अन्य अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों की चिंता जताते हुए मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे 'नरसंहार' को भारत के खिलाफ दुष्प्रचार का हथियार बनाया था.

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द टाइम्स के लेख को बनाया ढाल

'द टाइम्स' अखबार ने अपने 10 जनवरी के संस्करण में नागरिकता कानून पर चल रहे हिंसक प्रदर्शनों पर 'इंडिया इज ए हिंदू स्टेट नॉऊ- वी आर सेकंड क्लास सिटीजंस' शीर्षक से एक लेख प्रकाशित किया. सौरभ शर्मा और ह्यू टॉमिलसन द्वारा लिखे गए लेख में कहा गया कि मोदी सरकार के विवादास्पद नागरिकता कानून के खिलाफ भारतीय मुसलमान अपनी आवाज बुलंद कर रहा है. इस आवाज को दबाने के लिए 'निर्दयी और क्रूर पुलिस' दमनकारी रुख अपना रही है. इसके साथ ही इस पूरे लेख में तस्वीर का सिर्फ एक पहलू दर्शाते हुए वही बातें लिखी गई, जो आंदोलनकारियों को 'निरीह' और शासन-प्रशासन को 'दमनकारी' साबित करती हों.

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आरएसएस को बताया कट्टर संगठन

इस लेख को ढाल बनाते हुए इमरान खान ने फिर ट्वीट कर जहर उगला. इस ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'एक अरब से अधिक आबादी वाले एक परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र को अतिवादी विचारधारा के आरएसएस ने बंधक बना रखा है. यह एक ऐसी विचारधारा है, जो नस्लीय श्रेष्ठीबोध और मुसलमानों समेत अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत से भरी हुई है. जब-जब यह जिन्न बोतल से बाहर आया है, सिर्फ और सिर्फ खून-खराबा ही किया है.'